Book Title: Agam 17 Upang 06 Chandra Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari

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Page 382
________________ १० ८६० ८४४ २८ ८७४२ ८७६ २८ ६७ ८८४० ०१५ . ०१७ समदश-चंद्र प्रज्ञप्ती सूत्रपष्ठ-पाङ्ग 4 भागे मडलस्स चरति ता चंदेणं मासेणं गक्ख ते कइमंडलाइ चरंति ? ता पण्णरस चउभागणाइ मंडलाइ छ चउवीसं सते भागे मडलस्स चरंति ॥ ११॥ ता उउ. णा मासणं चंद कति मंडलाति चरति ? ता चउदस मंडलार्ति तीसंच एग भगवन् ! चंद्र मास में नक्षत्र कितने मंडल चलते हैं ? अहो गौतम ! पनरहवे मंडल में चतुर्थ भाग 4 कम अर्थात् १४ मंडल व ४६॥ भाग ६२ या और ६ भाग १२४ ये जिस के तीन भाग ६२ ये हो इस से एक चंद्र मास में नक्षत्र १४ मंडल ४९॥ भाग ६२ ये चलते है. एक युग में चंद्र मास ६२ हैं और नक्षत्र ९१७॥ मंडल चलते है. इस से इस को ६२ का भाग देने से पूर्वोक्त संख्या आती है ॥११॥ *अब ऋतु माप्त का कयन करते हैं. अहो भगवन् ! ऋतु मास में चंद्र कितने मंडल चलता है ? अहाई। गौतम ! १४ मंडल व ३० भाग ६१ या चला हैं. क्योंकि एक युग में ऋतु मास ६१ हैं और इंद्र मंडल ८८४ हैं इस से ८८४ को ६१ से भाग देने से १४ मंडल व ३० भाग ६१ ये होवे. अहो -46- पनरहवा पाहुडा 4642 42 । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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