Book Title: Agam 17 Upang 06 Chandra Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
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चरति तस्स मंड| एक महून एक युग में !
एक युग में एक मंपूर्ण मंडल लस्स परिक्खेवरस कितने भाग कितने मंडल
अर्ध मंडल अथवा दो अर्ध मडलं. संपूर्ण कर
अट्ठारस पण्णता में कितना समय होवे. दिन।मु०। मु.के भाग
भागसते गच्छति १७६८
मंडलं सतसह
स्सेणं अट्ठा जाव - छत्ता ॥४॥ता
जयाणं चंदे मति समावण्णगं; सूरे गति समावण्णगं भवइ सेणं गइ विसेसेति मायाए केवइया विसे - सेति ? ता बावट्ठी भागे विससेइ । ता जयाणं चंदे गइ समावण्णा पक्वत्ते गइ ११८२५ रहा. इस के मुहू करने को ३० से गुनेन से ५४७५ ० होवे इस को १८३५ का भाग देने से १२१ महू व शेष १५३५ रहे, इस के ३६७ ये भाग करने को ३६७ से गुनने से ५६३३४५ होवे, इस को
११८३५ का भाग देने मे ३०७ भाग हुवे, शेष कुच्छ नहीं रहा. इस तरह दो अर्ध मंडल नक्षत्र एक दिन 15२१ मुहूर्त व ३०७ भाग६७या में पूर्ण करे. इसका उक्त यंत्र है.॥४॥अहो भगवन्! अब चंद्र मुहूर्न के चरिमांतमें
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पभर हवा पाहुड Bitti
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