Book Title: Agam 17 Upang 06 Chandra Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
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महुत्ता, णवय वावट्ठी भागा महत्तत वावट्ठीभार्ग च सत्तासट्टियो छेत्ता, तेवढी चुणिया नागा सेसा,त समयं चणं सूरे कणं नक्खत्तणं जोगं जातेति ?ता चित्ताहिं चित्ताण एक महुत्त अट्ठावीसंच वावट्ठी भागा मुहत्तस्स वावट्ठी भागं च सत्त सट्ठीया छेत्ता तीसंचाण्णया भागा संसा ॥ १३ ॥ ता एतसिण पचण्ह सबच्छराण दुवालसमं
पुण्णमासिणं पुच्छा ? ता उत्तराहिं असाढाहिं उत्तरास ढाहिं छब्बीसं महत्ता E२१ मुहूभाग बामठी ये तसठ चुराणिपा भ ग६७य शष रहे तब तीसरा माम पूर्ण होता है. उस समय सूर्य
कौन नक्षत्र की साथ योग करता है? उस समय सूर्य चित्रा नक्षत्र की माथ योग करता है. यह चित्रा नक्षत्र एक मुहूर्त ०८ भाग ६२ या ३: भूणिया भग ६७ या शेप रह और सूर्य नक्षत्र १९ मुहूर्न ३४ भाग ६२ या शेष रहे तब तीमरा मास संपूर्ण होने ॥ १३ ॥ इन पांच पंवत्सर में बारहरी पूर्णपा को चंद्रमा कैन से नक्षत्र की साथ योग करता है ? वार हवी पृर्णमा को चंद्रमा उत्तराप ढा नक्षत्र की साथ योग करता है यह उत्तराप ढा नक्षत्र २६ मुहूर्त २६ भाग ६२ ये ५४ भ ग १७ ये शप रहे तब व रही पूर्णमा संपूर्ण हावे. उम समय मूर्य कोनम नक्षत्र की साथ योग करता है ? उस समय सूर्य पुनर्वसु नक्षत्र की साथ यंग करता है. यह नक्षत्र १६ मुहूर्न ८ भाग ६२ य, २० भाग ६७ या शेष रहे तब और सूर्य नक्षत्र .
अनुवादक-बाल ब्रह्मचारी मुाने श्रा अमालक जापान
काशक राजबहादुर लाला मुबहवसमालाप्रसादजायजी.
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