Book Title: Agam 17 Upang 06 Chandra Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
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सूत्र
अर्थ
BEBY 453
नक्खत्तणं जोगंजातेति ? ता उत्तराहिं पीवताहि उत्तराणं पोटुबयाणं सत्तावीसं मुहुत्ता, चद्दस्य वाट्टि भागा मुहुत्तस्स वात्रट्टि भागंच सत्त सहिया छेत्ता, चडचण
सोमा म च सूरेकेण सत्ते जोगं जातेति ? ताराहं फगुणिहिं गुणणं समुचा तेचीच बाब भागात बाबा भागच सत्त बिया एकतीसं चुण्या भागा सेसा ॥१२॥ ता एतेसिणं पंचण्डं संवच्छरणं तच्च पुणमविंदण केणं णक्खत्तेगं जोग जोततिता अस्तिणिहिं अस्तिणीणं एक्कवसिंच रिपूर्ण होते चंद्र कौनसा नाय की साथ योग करना है ? उत्तराभाद्रपद नक्षत्र की सागर दूसरी पूर्णिमा संपूर्ण करे. यह नक्षत्र २७ मुहूर्त १४ भाग ३२ ये और ६४ दूषित ७ये देष रहे तब दूसरा मान संपूर्ण होता है. इस समय सूर्य कौन से नक्षत्र की साथ योग है सूर्य उत्तरफाल्गुनी नक्षत्र की संथ योग करता है. यह नक्षत्र सात मुहूर्त ३३ भाग १२ मे और ३१ भाग ६० ये शेष रहे तर दूसरा मात्र संपूर्ण हावे. ।। १२ ।। इन पांच वस्त्र में तीसरी पूजिश को उस नक्षत्र की साथ चंद्र योग करता है?इन पांच संवत्सर में तीसरी पूर्णिमा को चंद्रमा अश्विनी नक्षत्र की साथ योग करता है. यह अभिनी नक्षत्र
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दशपका बासवा अंतर पाहुडा
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