Book Title: Agam 17 Upang 06 Chandra Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
View full book text
________________
सन
फग्गुणिहिं मेटमण भोच्चा ॥ ९ ॥ उत्तराफग्गुणीहिं णक्खिमंसेणं भोच्चा ॥ १० ॥ हलोण वत्थाणिएग भोच्चा ॥ ११ ॥ चित्ताहिं मुगसएणं भोच्चा ॥३२॥ सातिमा फलाहिं मोचः॥ १३॥ बिसाहाहिं आ तिरिया भोच्चा(अहवा एगट्ठीया)।।१४॥ अणुराहाहि मानाकरण भीचः ॥ १५ ॥ जेहाहि कोलट्ठिएणं भोच्चा ॥ १६ ॥ मूलेज भूलग सा एणं भाचा ॥ १७ ॥ पुवालाढाहिं आमलग सारिणं भोच्चा
सशरंद्र प्रज्ञप्ति मात्र पह-वाङ्ग 428
तो कार्य सिद्धि हरि ८ मा नक्षत्र जि दिन हाये जा दिन कमर अथवा कसार का भोजन करे तो कार्य सिद्धि हो। ९ पूर्व कालनी नक्षत्र जिस दिन हो उस दिन एलायची अथवा आलु का जल कर जाये तो कार्य सिद्धि होन १० उत्तरः फाल्गुनी नक्षत्र जिस दिन हो उस दिन लसूद अथवा आलू का भजन कर जातो कार्य सिद्धि होने ११ हस्त नक्षत्र में सींगाडे काई
भोजन कर जाये तो कार्य निद्धि हा चित्रा नक्षत्रा गाकी दालका भोजनकर जाये तो कार्य सिद्धि होवे *१३ स्वाति फलका भोजन कर जाये तो कार्य लिद्धि होने ३४ विश खा नक्षत्र पाउला अथा। शाक का
भोजन कर जाये तो कार्य सिद्धि होवे १८ अनुगधा नक्षत्र में मिश्र कुरोधान्य का भोजन करने कार्य | सिद्धि होवे १६ ज्येष्टा नक्षत्र में कोला-सक्का कद का अवका मिश्र कुरोधान्य का भोजन करने से कार्य 1
48. दशवा पाहुडे का सतरहवा अंतर पाहुडा 18+
Jain Education Interational
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org