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चौदहवीं सदी का गुजरात का राजमार्ग
५५७ 'नमरारासु' व 'नाभिनन्दन जिनोद्धार प्रवन्ध' के आवार में संघ के मार्ग में पाये ग्रामी को क्रमवद्ध लिया जायनो यह राजमार्ग निम्न ग्रामो मे मे होता हुआ चला जाता है ____ प्रागमण मे खेरालु, भाडु, पाटण, गखारिका(?), मेरिमा, क्षेत्रपुर (सरखेज), धवलक्कनगर (घोलका), वयूकठ (घका), लोलियाणु, पिप्पलाली (पिपगलु), शत्रुञ्जय (पालीनाणा)।
___ वहां से चउड (१), अमगवती (अमरेली), तेजपालपुर (नेजलपुर), जूनागढ, वामनपुरी (वयली), देवपट्टन (प्रभानपाटण), कोडीनार, दीववन्दर और गत्रुञ्जय ।
शत्रुञ्जय ने वापस लौटते समय नमहिने मग बडा मार्ग पसन्द किया। अर्थात् गगुञ्जय से पिप्पलाली (पिपरालु), लोलियाणु, गणपुर, वढवाणि (वढवाण), पाटनापुर (पाटडी), शर्वेश्वरपुर (गग्वेश्वर), हारिज, मोइलागाम और पाटण।
चौदहवी मदी का यह राजमार्ग था, ऐना हम निमकोत्र कह सकते है । अहमदाबाद]