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यदि : क, श्रीर
द
यदि
न
= क, तो
अ
व+
कं, तो द ( क क ) + = म
व
न
=== क
जैन-गणित की महत्ता
-
क
न + १
तथा
अ
व -
व
न
= क
क
न - १
७२३
इस प्रकार अनेक भिन्न सम्वन्धी महत्त्वपूर्ण नियम दिये गये है । समीकरणो के प्रकरण में भी ऐसे कई नियम है जिनके द्वारा अधिक गुणा भाग के चक्र में विना पडे ही सरलता पूर्वक समीकरण (Equation) हल किये जा सकते है |
श्रारा ]