Book Title: Premi Abhinandan Granth
Author(s): Premi Abhinandan Granth Samiti
Publisher: Premi Abhinandan Granth Samiti

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Page 759
________________ प्रेमी-अभिनदन-प्रथ ७०४ (१) भवन निर्माण की सामग्री (श२०१६-१६) (२) विष परीक्षण (श२१११०-२२), (४७८,१२,१३) (३) खनिज (२।६४, २।१२।१-७, १२-१८) (४) मौक्तिक (२।११।२-५) मणि (२।१।२६-३७) (६) हीरा (२११११३८-४२) (७) मूगा (२।११०४३) (८) चन्दन, अगर आदि सुगन्ध काष्ठ (२।११।४४-७६) (8) चर्म (२।१११७७-१०१) (१०) ऊन (२।११।१०२-१११), पत्रोर्णा (२।११।११२-१२०) (११) धातुनिर्माण (२।१२।८-११) (१२) धातुमिश्रण और पणनिर्माण (२।१२।२५-३३) (१३) स्वर्णशोधन और अक्षशाला (२।१३।१-६५), स्वर्ण अपहरण (२।१४।१६-६१) (१४) तेल (२॥१५॥१४, ४६-५१) (१५) बीजो की रक्षा (२।२४१३३) (१६) सुरानिर्माण (२।२५।१७-३४) (१७) घी-दूध (२।२६।३४) (१८) (क) प्राणहर पदार्थ और धूमयोग (१४।१।५-१४), (ख) नेत्रघ्न पदार्थ (१४११११५, १६) (ग) मदनयोग (१४।१।१७, १८) (घ) मूकबधिरकरयोग (१४११०२५) (ड) विषूचिका कर योग (१४११०२४) (च) ज्वर कर योग (१४३१२५) (छ) दशयोग (१४११०३१-३३) (ज) जलाशय भ्रष्टयोग (१४।११३४-३६) (झ) अग्नियोग (१४।११३६।४२) (न) नेत्रमोहन (१४११०४३) (ट) क्षुद्योग (१४।२।१-५) (8) श्वेतीकरणयोग (१४१२।६-६) (ड) रोम्णश्वेतीकरणयोग (१४।२।१०-१३, १४) (ढ) कुष्ठयोग (१४१२।१५-१८) (ण) श्यामीकरणयोग (१४१२।१६-२१) (त) गात्रप्रज्वालनयोग (१४।२।२२-२३) (थ) विविधज्वलनप्रयोग (१४।२।२४-३०) (द) अगारगमनप्रयोग (१४१२।३१-३३) (घ) विविधयोग (१४।२।३४-४८) (न) रात्रि दृष्टि और विविध अजन (१४।३।१-१८) (अन्तर्धान योग)। (प) विषप्रतीकारयोग (१४१४११-६)

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