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बुन्देलखण्ड के कवि
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(१०) कोविद, कृष्णदास, कवि कारे, दिग्गज, रतन, लाल प्रण वारे, अवुज, काली, नदकुमारे,
नवलसिंह पजनेस हुए थे, मचित, द्विज अवधेस ।
(११) 'प्रेम', 'व्यास', 'रसिकेन्द्र', गुणाकर, 'लाल विनीत' 'मीर' से कविवर, काव्य-कला-कमनीय दिवाकर,
अमर कर गये नाम प्रान्त यह है गुणियो का धाम ।
( १२ ) वीर पुरुष ऐसे है जाये, वसुधा ने जिनके गुण गाये, विश्व-वद्य इसने उपजाये,
अगणित कवि शिरमौर, गिनाएँ 'शङ्कर' कितने और।
( १३ ) जग जीवन वे सफल कर गये, अमर हुए है, यदपि मर गये, भव्य-भारतीकोष भर गये,
कविता-कामिनि-कांत यहीं थे, है ऐसा यह प्रात ।
झासी 1