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प्रेमी-अभिनदन-प्रय गच्ने यह इतने हैं कि मेरे एक बार प्रश्न करने पर कि श्री रतनजनकर की बावत उनकी क्या राय है, वह पिनाशिनी नकोन के वोले, "यह बीस है, मैं उन्नीस हूँ। भैया, मैं झूठ नहीं बोलूगा।"
हमारा यह महान् गवैया, विगाल कलाकार बुन्देलखड का गौरवगर्व इस समय पैतालीस वर्ष का है। ईश्वर इनको निगप पारे और इनको इतनी सामर्थ्य दे कि वह अपने जैसे और कलाकार उत्पन्न करे और इस देश की कलानिधि पा समुद्ध करे। झांसी
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