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साधना का अर्थ
रूप है। आंख उसे देख लेती है, तब बाहरी रूप का आकर्षण अपने आप कम हो जाता है। जो आकर्षण बाहर था, वह भीतर चला जाता है। यदि रस . आपको आकर्षित कर रहा है तो उससे घृणा करने की आवश्यकता नहीं है। जो रस बाहर है, उससे कहीं अधिक मनोज्ञ रस आपके भीतर है। उसके साथ जीभ का योग कर दीजिए, दिशा बदल जाएगी, रस का बाहरी आकर्षण अपने आप समाप्त हो जाएगा। ..
साधना का अर्थ है-दिशा का परिवर्तन । हम दिशा-परिवर्तन को समझ लें, उसकी प्रक्रिया और स्थिति को समझ लें तो हमारे लिए कोई कठिनाई नहीं है । दिशा-परिवर्तन को नहीं समझने के कारण हम बहुत सारी वासनाओं के शिकार होते रहते हैं। मनुष्य में दो प्रकार के धर्म (गुण) होते हैं—एक भावात्मक (Positive) और एक अभावात्मक (Negative)-धनशक्ति और ऋण-शक्ति । इन दोनों के द्वारा हमारा जीवन संचालित होता है। इस विषय में आज के विज्ञान ने बहुत खोजें की हैं। स्त्री क्यों बनती हैइस पर अनुसंधान किया गया । एक जातक पुरुष बनता है तो दूसरा जातक स्त्री बनती है । यह अन्तर क्यों ? सब जातक पुरुष क्यों नहीं बन जाते या सब-के-सब स्त्री क्यों नहीं होते ? इस पर खोज करते समय जो तथ्य सामने आए वे साधना की दृष्टि से बहुत ही महत्त्वपूर्ण हैं। पुरुष में पुरुषत्व और स्त्रीत्व-दोनों हैं । एक मनुष्य पुरुष है । क्या आप समझते हैं कि जो पुरुष है, वह केवल पुरुष ही है ? बात ऐसी नहीं है । जो पुरुष है, वह स्त्री भी है
और जो स्त्री है, वह पुरुष भी है। कर्मशास्त्र की भाषा में तीन वेद होते हैं-पुरुष वेद, स्त्री वेद और नपुंसक वेद । ये तीनों वेद हर व्यक्ति में मिलते हैं । एक प्रकट होता है और दो अप्रकट रहते हैं। जिसमें पुरुष के गुण-धर्म व्यक्त होते हैं, वह पुरुष कहलाता है, किन्तु उसमें स्त्री के गुण-धर्म भी विद्यमान हैं। कुछ पुरुष प्रकृति से ही स्त्री बन जाते हैं और कुछ स्त्रियां प्रकृति से ही पुरुप बन जाती हैं । शल्य-चिकित्सा के द्वारा भी ऐसा परिवर्तन हो रहा है । इसका रहस्य यही है कि जो गुण-धर्म व्यक्त होते हैं, वे अव्यक्त हो जाते हैं और जो अव्यक्त होते हैं, वे व्यक्त हो जाते हैं। जन्मना जो स्त्री होती है, उसके स्त्री होने की एक लम्बी श्रृंखला है-जन्म-जन्मान्तर की शृंखला है। इसे मैं एक उदाहरण के द्वारा स्पष्ट करना चाहूंगा। एक व्यापारी है। वह बहुत व्यस्त है । प्रातःकाल दूकान में जाकर बैठता है । सारे दिन धन्धा करता है । ग्राहकों से माथापच्ची करता है। बही खातों को उलटता-पलटता है ।