Book Title: Khandaharo Ka Vaibhav
Author(s): Kantisagar
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 16
________________ १७६ १६६ १७५ आरबी १६२ पद्मपुर १७६ भद्रावती १६४ आमगाँव पौनार १६५ कामठा केलझर १६६ बालाघाट १७७ सिन्दी डोंगरगढ़ जबलपुर १६७ जैन अवशेष १७८ परिकर १६८ आरंग १८५ त्रिपुरी रायपुर १८७ बहुरीबन्द १७३ श्रीपुर १५८ नागरा एक महत्त्वपूर्ण धातु-प्रतिमा १८८ ३. महाकोसलका जैन-पुरातत्त्व स्थापत्य १९८ ऋषभदेव-सं० ६५१ २०६ मूर्तिकला १६४ अर्ध सिंहासन खण्डित मस्तक अम्बिका २११ खड्गासन-जिन-मति २०३ सयक्ष नेमिनाथ २१३ तोरणद्वार. नवग्रहयुक्त जिन-प्रतिमा २१४ जैन-तोरण २०७ । जिन-मूर्ति ४. प्रयाग संग्रहालयकी जैन-मृतियाँ जैन मूर्तिकलाका राजगृहकी अम्बिका २५७ क्रमिक विकास २२२ भवन-स्थित मूर्तियोंकापरिचय२३० बाहरकी प्रतिमाएँ २३६ एलोराकी अम्बिका २५८ अम्बिका २५० अतिरिक्त सामग्री २५६ अम्बिकाकी एक और मूर्ति २५३ । अवशेष उपलब्धि स्थान २६० ० २१० २०१ २०५ २१६ Aho ! Shrutgyanam

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