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क्र. संवत् श्राविका नाम
१८६
청
१६०
959
१६२
१९६४
१६५
१६६
१९३ १३१३
१६७
१६८
१९६
१३६१
१३६० राजुलदेवी, राजुल
देवह, पुनदेवी
लसिरि
१३१६
२०१
१३०६
१३४३
१३०२
१३३०
१३४०
१३१०
१३३४
२०० १४वीं शती
लहणदेवी
सहज
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महणदेवी
लषमादेवी
जाल्ह
वइजलदेवी
सुषमणि, ही,
सोहगदे, कामलदे,
सोहिणी, रल,
१३१६ सुभटादेवी, केल्हणदेवी,
मतदेवी, अनुपम, देवी
| २०२ १४वीं शती सुंदरी, सरस्वती चारित्रसुंदरी
२०३ १४ वीं शती नागिणी, ऊदल ।
२०४ १३०४ सोहिणी, लाडी, मोहिणी
गोपी
२०५ १४ वीं शती पुण्यश्री, यशोदेवी
वंश / गोत्र
प्रेरक / प्रतिष्ठापक
आचार्य/गच्छ
विबुधप्रभसूर
हीरभद्रसूरि
धर्मप्रभसूर
श्री माणिक्यसूरि
श्री पूर्वभद्रसूरि
श्री सूरिः
श्री बहदगच्छ
जिनेश्वरसूरि
विमलाचार्य
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अवदान
वही
पंचतीर्थी
श्री महावीर
आठवीं से पंद्रहवीं शताब्दी की जैन श्राविकाएँ
जिन प्रतिमा
श्री शांतिनाथ
श्री पार्श्वनाथ, श्री आदिनाथ
श्री महावीर
श्री मल्लाथ
श्री पार्श्वनाथ
श्री वासुपूज्य
श्री शांतिनाथ
त्रि.श. पु. च. ती शीतलनाथ चरित्रपर्यंत
आवश्यक लघुवित्त
प्रश्नोत्तर - रत्नमालिका वत्ति सहित
मुनिसुव्रतस्वामी चरित्र, पद्य पर्वत्रयात्मक
संदर्भ ग्रंथ
प्रत्येकबुद्धचतुष्क चरित्र पद्य
वही.
वही
वही
वही
वही
कट
R
वही
वही
वही
केट. सं. प्रा. मेनु
वही
वही.
वही.
प
वही
२३
२५
६२
११५
उपदेशमाला, बहद. वत्ति की प्रति जे प्रा. जै ग्रं भं हस्त. ५८५
को खरीदकर श्री जिनेश्वर सूरि
सूची
को समर्पित की थी ।
१३७
१६३
१८८
१६४
१६४
१६६
२०४
६५-६६
३७-३८
|७६-७७
907-903
११०-१२०
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