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जैन श्राविकाओं का बृहद् इतिहास
814
1512
| माई श्रेयार्थ
श्री. ज्ञा.
साधुरत्नसूरि
भ. श्री विमलनाथ जी दि.जै.इ.इ.अ.
815
1512
माणिकदे
श्री. श्री.
पूर्णिमा साधुरत्नसूरि
भ. श्री नेमिनाथ जी | दि.जै.इ.इ.अ.
816
श्री. श्री.
आगम. सिंहदत्तसूरि
1512 | जासलदे, वाछु,
चंगाई
भ. श्री वासुपूज्य जी
दि.जै.इ.इ.अ.
817
| 1512 | सेउ, टबकू
| प्रा. ज्ञा.
तपा. जिनरत्नसूरि
भ. श्री श्रेयांसनाथ
| दि.जै.इ.इ.अ.
818 | 1512 | हांसू, रंगादे
श्री. श्री.
| सिंहदत्तसूरि
भ. श्री विमलनाथ जी | दि.जै.इ.इ.अ.
819
1512 | लार्ता, गुरी
उसवाल. ज्ञा.
भ. श्री अभिनंदन जी | दि.जै.इ.इ.अ.
| श्रीसुरि | तपा. रत्नसिंहसूरि
820 | 1512 | गुणिया, गंगादे । | उसवाल. ज्ञा.
| भ. श्री आदिनाथ जी | दि.जै.इ.इ.अ.
821
1512 | पाल्हणदे, जीविणि श्री. श्री.
आगम. हेमरत्नसूरि
भी
| भ. श्री सुपार्श्वनाथ
जी
दि.जै.इ.इ.अ.
822
1512 | पंचू, लाछू
श्री. श्री.
पूर्णिमा. जयचंद्रसूरि
भ. श्री धर्मनाथ जी
| दि.जै.इ.इ.अ.
823
| 1512 | मांकु, धनी
श्री. श्री.
खरतर. जिनचंद्रसूरि
भ. श्री सुपार्श्वनाथ
दि.जै.इ.इ.अ.
जी
824 | 1512 | रूपिणि अमकू।
मेवाड़ा. ज्ञा.
श्रीसूरि
भ. श्री विमलनाथ जी | दि.जै.इ.इ.अ.
825
1512
| मीनी, लली
श्रीमाल. ज्ञा.
पिप्पल. उदयदेवसूरि
भ. श्री सुमतिनाथ जी | दि.जै.इ.इ.अ.
826
1512
कुअरि
श्री. श्री.
आगम. हेमरत्नसूरि
| भ. श्री मुनिसुव्रत जी
| दि.जै.इ.इ.अ.
827 | 1512
| हीरी, आसलदे | उकेश.वंश
कोरंट. सावदेवसूरि
भ. श्री नेमिनाथ जी | दि.जै.इ.इ.अ.
828
1512
|सूलेसरी, समति
दीसावाल
तपा. उदयंदिसूरि
भ. श्री आदिनाथ जी | दि.जै.इ.इ.अ.
829
1513
श्री. श्री.
लालू
लीलू
पिप्पल. गुणरत्नसूरि
| भ. श्री सुविधिनाथ
| दि.जै.इ.इ.अ.
जी
830 | 1513
| रतनू, हीरादे
श्री. ज्ञा.
ब्रह्माण. विमलसूरि
| भ. श्री संभवनाथ जी
दि.जै.इ.इ.अ.
831 | 1513
|भमी कुंअरि
प्रा. ज्ञा.
उकेश. देवगुप्तसूरि
भ. श्री सुविधिनाथ
दि.जै.इ.इ.अ.
832
| 1513
| चांडणदे,
देवगुप्तसूरि
भ. श्री कुंथुनाथ जी
दि.जै.इ.इ.अ.
ललतादे, गंगादे, धर्मादे
प
8331513
| गुरी, शंभू
श्री. श्री.
श्री विद्याधर. हेमप्रभसूरि
भ. श्री कुंथुनाथ जी | दि.जै.इ.इ.अ.
834
1513 | राजी, हला, हांसा | श्री. श्री.
तपा. रत्नशेखरसूरि
भ. श्री अजितनाथ
दि.जै.इ.इ.अ.
जी
835
1513
पूंजी., धीरा, कपूरी, जानू
श्री. श्री.
पूर्णिमा. सुगुरू
भ. श्री शांतिनाथ जी | दि.जै.इ.इ.अ..
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