Book Title: Jain Shravikao ka Bruhad Itihas
Author(s): Pratibhashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 698
________________ 676 क्र. स. अक सन् 1 Oct. 2003 2 3 4 5 6 Dec. 2002 8 (Nov. 2002 [Oct. 2002 Sept. 2002 Aug. 2002 7 May 2002 Feb. 2001 Jain Education International श्राविका नाम / आयु श्रीमती सुंदरदेवी डागा गंगाशहर (बीकानेर) श्री चंपालाल जी डागा वर्तमान में चेन्नई आयु 60 वर्ष श्रीमती सुदंरदेवी जैन आयु 98 वर्ष श्रीमती पुखराजबाईजी आँचलिया पत्र-पत्रिकाओं से श्रीमती छोटादेवी लूणिया आयु 73 वर्ष श्रीमती पानीदेवी (87 वर्ष) श्रीमती घूडी बाई जी लोढा पाना देवी कुच्चा (देशनोक ) श्रीमती बदामबाई जी मेहता (चित्तौड़गढ़) धर्मपत्नी श्री हेमचंदजी जैन श्री किशनलालजी आंचलिया श्री सुंदरलाल जी लूणिया श्री मंगलचंदजी छाजेड श्री पूनम चंदजी कुच्चा श्री मूलचंदजी मेहता संथारा 13/11/02 28 Oct. सन् २००२ समाधिभाव से मृत्यु संथारापूर्व व्रत प्रत्याख्यान पूर्वक स्वर्गवास For Private & Personal Use Only आधुनिक काल की जैन श्राविकाओं का अवदान अवदान १. प्रतिदिन 3-4 सामायिक २. अठाई आदि तपस्या ३. रात्रि भोजन का त्याग ४. शीलव्रत आराधिका' श्री सूरजकुंवर जी म. सा. की संसारी भाभी जी थी। 2 तपस्या, तेला, अठाई, 11.3 सजोड़ेशीलव्रत की आराधना अपने देवर की दो पुत्रियों को जैन भागवती को दीक्षा दिलवाई वर्षों से रात्री चउविहार तप सचित्त फल, कंद मूल, व हरी सब्जी के त्याग थे। कई सावन भादों के महीनों में एकांतर तप 8,7.53 आदि तर्प' प्लेग की महामारी के समय पीडित जनों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की, इनकी पोती श्री सुयशुप्रभाजी ने जैन भगवती अंगीकार की थी।' रात्री भोजन त्याग आदि व्रत थे। जिन शासन को समर्पित सुश्राविका धर्मनिष्ठा, धर्मप्रेरिका महिला थी www.jainelibrary.org

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