Book Title: Jain Shravikao ka Bruhad Itihas
Author(s): Pratibhashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 721
________________ जैन श्राविकाओं का बृहद् इतिहास ७२.७७ वही । ७८ सवतंत्रता संग्राम में जैन, प्रथम खण्ड । ७६ आत्मपथ से साभार । το वही । ८१. ८२ वही । ८३ ८४ ८५ ८६ ८.७ ८८ जैन प्रकाश । स्वतन्त्रता संग्राम में जैन, प्रथम खण्ड । आत्मपथ से साभार । वही । जैन प्रकाश । वही । स्वतंत्रता संग्राम में जैन, प्रथम खण्ड । εξ ६०. ६१ वही । ६२ वही । ६३.६५ श्रीमती पद्मा जैन दिल्ली । ६६.६८ संपर्क से प्राप्त | ६६.१२१ ओसवाल नारीरत्न । १२२ संपर्क से प्राप्त । १२३ वीतराग विज्ञान शिरीष मुनि प० ६२ १२४ बहिन श्री के वचनामत प० ३.७ ७.१३१ पत्राचार से प्राप्त । १२५ श्रीमान् पारसमलजी गोलेछा। १२६ श्रीमती आरती समदड़िया बैंगलोर । १२७ वही । १२८ श्रीमान् रविन्द्र कोठारी पुणे । १२६ श्रीमान् कान्ति लाल जी जैन बैंगलोर । १३० श्रीमान् सुभाष बाफना के० जी० एफ० १३१ श्रीमान् रविन्द्र कोठारी पुणे । १३२ संपर्क से प्राप्त । १३३ गीता जैन संगरूर । १३४ इंडिया टुडे १४ फरवरी २००१ १३५ संपर्क से प्राप्त । १३६ विदुता जैन अमतसर । १३७ संपर्क से प्राप्त । १३८ श्रीमान् फूलचंद जी मेहता उदयपुर । १३६ वही । Jain Education International For Private & Personal Use Only 699 www.jainelibrary.org

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