Book Title: Jain Shravikao ka Bruhad Itihas
Author(s): Pratibhashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 739
________________ 717 जैन श्राविकाओं का बृहद इतिहास एल.डी. इन्स्टीट्यूट ऑफ इंडोलॉजी, अहमदाबाद १६७०-१६७२. १६७/ वर्द्धमान महावीरस्मति ग्रंथ, डॉ. सुदीप जैन, जैन मित्र मण्डल २५१५ धर्मपुरा, दिल्ली – ११०००६ ई. सन् २००२ प्र. सं. १६८] भारतीय संस्कृति में जैन धर्म का योगदान, डॉ. हीरालाल जैन मध्यप्रदेश शासन साहित्य परिषद् भोपाल ई. सन् १६६२ प्र. सं. १६६] श्रावकाचार का मूल्यात्मक विवेचन, प्रो. सागरमल जैन पी. वी. एस. वाराणसी जैन धर्म में श्रमण संघ, डॉ. फूलचंद जैन प्रेमी पी. वी. एस. वाराणसी १६८७ प्र. सं. भारतीय संस्कृति और श्रमण परंपरा, डॉ. हरींद्र भूषन जैन श्री बनारसी दास चतुर्वेदी, रूपाभ प्रिंटर्स, शाहदरा, दिल्ली ई. सन् १६८४ प्र. सं. १७२| तत्वार्थ सूत्र, उपाध्याय केवलमुनि जी म., श्री जैन दिवाकर साहित्यपीठ, महावीर भवन, १५६, इमली बाजार, इन्दौर (म. प्र.) ई. सन् १९८७ वि. सं. २०४४ अर्ली ब्राह्मी रिकॉर्ड्स इन इंडिया, हरीपद चक्रवर्ती, संस्कृत पुस्तक भंडार ३८, बिधन सरानी, ई. सन १६७४ प्र. सं. १७४ | भारतीय पुरालेखों का अध्ययन, डॉ शिवस्वरूप सहाय, ई. सन् २००० त. सं. १७५/ जैन पुराण कोष, प्रो. प्रवीणचंद्र एवं डॉ. दरबारी लाल कोठिया, जैन विद्या संस्थान, दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी. प्र. सं. १६६३ सुखबोधावत्ति उत्तराध्ययन सूत्र, श्री पद्मसेनविजय जी, दिव्यदर्शन ट्रस्ट, ६८, गुलालवाडी, मुंबई वि. सं. २०३६ | खरतरगच्छ दीक्षानंदी सूची, सं. भंवरलाल नाहटा, प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर ई. सन् १६६० इतिहास के नुपूर, साध्वी कल्पलता, आदर्श साहित्य संघ चूरू (राज.) जैन परंपरा का इतिहास, आचार्य महाप्रज्ञ, जैन विश्वभारती प्रकाशन, लाडनूं (राज.) ई. सन् २००३ आचार्य श्री विजयवल्लभ सूरि स्मारक ग्रंथ, डॉ भोगीलाल जे. सांडेसरा आदि, श्री महावीर जैन विद्यालय प्रकाशन मुम्बई. २६, गोवालिया टैंक रोड, ई. सन् १६५६ प्र. सं. जैन धर्म का मौलिक इतिहास भाग २ आचार्य श्री हस्तीमल जी महाराज, सम्यग् ज्ञान प्रचारक मंडल, जयपुर सन् १९७१ (प्र. सं.) २००२ (प्र. सं.) सिद्धहेमचंद्र शब्दानुशासनम् मुनि रत्नसेन विजय, भेरूलाल कन्हैयालाल ट्रस्ट, वालकेश्वर मुम्बई जैन योग परिभाषिक शब्द कोष मुनि राकेशकुमार, जैन विश्वभारती प्रकाशन लाडनूं (राजस्थान) ई. सन् १६६१ प्र.सं. आगम शब्द कोष आचार्य तुलसी जैन विश्वभारती संस्थान लाडनूं (राजस्थान) ई. सन् १९८० बि. सं. २०३७ अभिधान राजेंद्र कोष में सूक्ति सुधारस डॉ. प्रियदर्शना, डॉ. सुदर्शना श्री सर्वोदय ऑफसेट, प्रेम दरवाजा बाहर, अहमदाबाद ई. सन् १९६८ १८६) संस्कृत धातुकोष सहलोत अमतलाल अमरचंद वनमाली त्रिभुवनदास शाह, पालीताणा (सौराष्ट्र) ई. सन् १९६२ वी. नि. सं. २४८८ | जैनेंद्र सिद्धांत कोश भाग – २ क्षुल्लक जिनेंद्र वर्णी भारतीय ज्ञानपीठ, काशी १६७० १८८| अभिधान राजेंद्र कोष श्री विजय राजेंद्रसूरि श्री राजेंद्रसूरि जैन ज्ञान मंदिर रतनपोल, अहमदाबाद सन् १६८६ द्वि. सं. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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