Book Title: Jain Shravikao ka Bruhad Itihas
Author(s): Pratibhashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 740
________________ संपूर्ण ग्रंथ की संदर्भ ग्रंथ सूची १८६ धवलसार आचार्य. संभवसागर जी महाराज संकलित दिगम्बर जैन समाज राजस्थान १६०/ भारतीय संस्कृति में नारी डॉ. लता सिंह परिमल पब्लिकेशन शक्ति नगर, दिल्ली - ११०००७ ई. सन् १६६१ प्र. सं. १६० भारतीय संस्कृति के विकास में जैन वाङ्मय का अवदान, स्व. डॉ. नेमिचन्द शास्त्री १६२] जैन साहित्य का बहद इतिहास भाग ६, डॉ. गुलाबचंद चौधरी, पी. वि. एस. सीरिज, ई. सन् १६७३ १६३| जैन शासन पं. सुमेरचंद दिवाकर, प्राच्य श्रमण भारती, मुजफ्फरनगर चतुर्थ आवति १६६८ जैन कथाएँ भाग १-१११, लेखक - उपा गय पुष्करमुनिजी म., तारक गुरु ग्रंथालय, उदयपुर (राज.) ई. सन् १९७७-७८ १६५, आगम और त्रिपिटक एक अनुशीलन भार – १, राष्ट्रसंत मुनि श्री नगराज जी, कॉनसेप्ट पब्लिशिंग कं. नई दिल्ली, प्र.सं. १६६६ द्वि. सं. १६८७ जैनिज़म इन राजस्थान, कैलाशचंद जैन, जैन संस्कृति संरक्षक संघ, शोलापुर ई. सन् १९६३ जैन सिद्धांत भवनग्रंथावली भाग – १, ऋभचंद्र जैन, श्री जैन सिद्धांत भवन प्रकाशन, ई. सन् १६८७ प्र. स. १६८ श्वेतांबर मत समीक्षा, पं. अजित कुमार शास्त्री श्री दिगम्बर जैन युवक संघ, १६६ | हरिभद्र साहित्य में समाज और संस्कृति, लेखक डॉ. श्रीमती कोमल जैन, पा. वि. वाराणसी सन् १९६४ हिंदी जैन साहित्य का इतिहास, नाथुराम प्रेमी जैन ग्रंथ रत्नालय कार्यालय, हीराबाग, मुंबई, ई. सन् १९६७ जैन साहित्य का बहद् इतिहास भाग - १, | पं. के भुजबलशास्त्री डॉ. विद्याधर जोहरापुरकर पी. वी. एस. वाराणसी ई. सन् १९६७ २०२| हिंदी जैन साहित्य का बहद इतिहास, खण्ड – ४, डॉ. कस्तूरचंद कासलीवाल, जैन इतिहास प्रकाशन संस्थान, जयपुर ई. सन् १६८६ २०३| जैन संस्कृत साहित्य का इतिहास हीरालाल रसिकदास कापडिया मुक्तिकमल जैन मोहन माला, बडोदरा ई. सन् १६६८ | २०४| प्राकृत एवं जैन विद्या शोध संदर्भ, डॉ कपूरचंद जैन, श्री कैलाशचंद जैन स्मति न्यास, खतौली – २५१२०१ उ. प्र. २०५] श्री महावीर जैन विद्यालय सुवर्ण महोत्सव ग्रंथ भाग - १ पं. दलसुख मालवणिया आदि, श्री महावीर जैन विद्यालय, गोवालिया टैंक रोड, मुबई ई. सन् १६६८ २०६] कन्नड़ प्रांतीय ताड़पत्रग्रंथ सूची, पं. के. भुजबलशास्त्री, भारतीय ज्ञानपीठ काशी, बनारस, वि. सं. २००० वी. सं. २४७० । २०७| तीर्थंकरों का इतिहास, डॉ. कुंवरलाल जैन, इतिहास विा प्रकाशन, दिल्ली ई. सन् १९६१ प्र.सं. २०१|| पत्रिकाएँ : जिनवाणी, संपादक धर्मचंद जैन, सम्यग ज्ञान प्रचारक मंडल, बापू बाजार, जयपुर, सितंबर १६६७ वि. सं. २०५४ जैन सिद्धांत भास्कर, प्रो. हीरालाल, पं. के भुजबल शास्त्री जैन सिद्धांत भवन, आरा, बिहार । शोधादर्श श्री अजितप्रसाद जैन, तीर्थंकर महावीर स्मति केंद्र समिति लखनऊ प्राकृत विद्या भारती प्रो. राजाराम जैन, कुंदकुंदभारती विद्यापीट नई दिल्ली। श्रमण - प्रो. डॉ. सागरमल जैन. पी. वी. एस. वाराणसी। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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