Book Title: Jain Shravikao ka Bruhad Itihas
Author(s): Pratibhashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

View full book text
Previous | Next

Page 706
________________ 004 क्र.स. वि०संवत् / सन् श्राविका का नाम 1 2 3 4 6 7 8 5 1957 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 1832 21 1947 1955 1956 1960 1962 1969 1974 1975 1977 1973 1966 20वीं शती 20वीं शती 120वीं शती 20वीं शती 1978 1963 1964 20वीं शताब्दी Jain Education International श्रीमती बोगीदेवी बरड़िया श्रीमती मनोहरी देवी बोथरा श्रीमती इचरज देवी दुगड़ श्रीमती भंवरीदेवी बैगाणी श्रीमती गट्टूदेवी छाजेड़ श्रीमती मैनादेवी श्यामसुखा श्रीमती कंकदेवी मरलेचा श्रीमती छोटीदेवी वैद श्रीमती चंद्रावल सेठिया श्रीमतीभवरीदेवी बैद श्रीमती गणेश देवी खरोड़ श्रीमती भीखादेवी छाजेड़ श्रीमती मक्खूदेवी सेठिया श्रीमती राजकुंवर बाई भंडारी श्रीमती झमकूदेवी बोरड़ श्रीमती रतनकवर कोठारी श्रीमती धन्नीदेवी दूगड़ श्रीमती सुनहरी देवी श्रीमती ऋषिबाई सेठिया श्रीमती माणकदेवी सिंघी श्रीमती सुंदरदेवी बागरेचा श्री लाभचंद बरड़िया पति श्रीमोहनलाल जी बोथरा श्रीसुमेरमल जी दुग्गड़ | श्रीजौहरी मल जी बैगाणी श्रीगणेशलाल जी छाजेड़ श्रीकोडामल जी श्यामसुखा श्रीजेवतराज जी मारलेचा श्रीसूरजमल जी वैद श्रीकोड़ामल जी सेठिया श्रीदुलीचंद जी वैद श्रीदीपचंद जी छाजेड़ श्रीमहालचंद जी सेठिया श्री माणकचंद जी भंडारी श्री पन्नालाल जी बोरड़ श्री सरदारमल जी कोठारी श्री श्री बुद्धमल जी दुग्गड़ धनकुमार जी श्री पुखराज जी सेठिया श्री सोहनलाल जी सिंधी For Private & Personal Use Only आधुनिक काल की जैन श्राविकाओं का अवदान अवदान 8 घंटे का संथारा' आया। 38 दिन का संथारा' आया। 12 व्रती ' श्राविका थी । 45 दिन का संथारा आया। 44 घंटे का संथारा आया। 1- 21,30-46 व्रतों की लडी' तप किया। 4 घंटे का संथारा' आया । धार्मिक संस्कार, स्वाध्यायशील 1 से 11 उपवास की लड़ी का तप किया। 39 दिन का संथारा 10 आया। माँ - सास-जेठानी को संथारे में सहयोग 1 से 61 व्रतों की लड़ी" का तप किया। 5 दिन का संथारा प्राप्त किया। तत्वज्ञानी, समाधि - मरण14 को प्राप्त किया। 4 दिन का संथारा प्राप्त किया। समाधि-मरण" प्राप्त किया । 5 दिन का संथारा" प्राप्त किया। समाधि - मरण" को प्राप्त किया। 1 हजार गाथाओं का स्वाध्याय (प्रतिदिन) करती थी 81 दिन का संथारा संपन्न हुआ विधिवत् अनशन और समाधिमरण प्राप्त किया । सात दिन का अनशन और समाधिमरण 21 प्राप्त हुआ www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748