Book Title: Jain Shravikao ka Bruhad Itihas
Author(s): Pratibhashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 699
________________ साध्वी प्रतिभाश्री 'प्राची क्र.स. अंक सन् श्राविका नाम/आयु धर्मपत्नी संथारा अवदान 9 Fo2001 श्रीमती लक्ष्मी देवी डागा श्री उदयचंदजी मेहता नवकार जप सुनते हुए देह का त्याग किया। पिता श्री चौथमल जी तथा माता श्रीमती राजकुंवर जी ने सजोड़े दीक्षा लेकर जिन शासन की भरपूर सेवा की। 10 in2001 भंवरलालजी डागा नेत्रदानी श्रीमती सुंदरदेवी जी आयु 7 वर्ष 10 जनवरी 2001 को संथारे सहित स्वर्गगमन धार्मिक, सामाजिक एवं जन कल्याणकारी कार्यों में सदा तत्पर रहती थी। वे गुप्तदानी थी। 11 Jan 2001 श्री हजारीलाल जी इनकी पोती ने दीक्षा ली। श्रीमती लाडादेवी जी (गंगाशहर) 76 वर्ष की आयु 12 | Jan2001 श्रीमती भंवरीदेवी बॉठिया 62 वर्ष | श्री सुंदरलालजी | 23 नवंबर देहत्याग 30,33,42 की तपस्या 7 ओलीजी, वर्षी तप, तथा 13 व 15 की तपस्याएँ की. शीला एवंसचित्त का त्याग था। B June-2000 समाधिपूर्वक देहावसान श्रीमती कान्तिदेवी जैन (करौली निवासी) श्री मुरारीलाल जी (जयपुर) चार पुत्र उच्चपदों पर कार्यरत हैं। 4 April 2001 श्रीमती सदाबाई (नागपुर) उपनाम भंवरीदेवी सुखानी नेमीचंद जी सुखानी 12 मार्च को तीन दिवसीय संथारे सहित पंडित मरण| को प्राप्त किया। इनका पूरा परिवार दानवीर, धर्मवीर एवं सुस्कारी हैं।14 15 April 2001 श्री कन्हैयालालजी बोथरा श्रीमती बिदामी देवी बोथरा हावली (असम) शुभभावों एवं व्रत नियम सहित स्वर्गवास वर्षीतप, मासखमण तप एवं अन्य बड़ी बड़ी तपस्याएं भी की। स्वभाव से सरल, नम्र धार्मिक, एवं उदार प्रकति की महिला थीं। 16 |hure2001 श्रीमती शामरी देवी गुंदेचा 72 वर्ष (रायपुर) छत्तीसगढ़) संथारापूर्वक, समाधिभावों में व्रत नियम सहित स्वर्गवास Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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