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सोलहवीं से 20वीं शताब्दी की जैन श्राविकाएँ
क्र०
संवत्
श्राविका नाम
प्रतिमा निर्माण |
संदर्भ ग्रंथ
| पृ.
आदि
1113 | 1638 विमलादे
| भ. श्री शांतिनाथ जी
वही.
40
वंश/गोत्र प्रेरक/प्रतिष्ठापक
गच्छ / आचार्य श्रीमाल ज्ञा. श्री हीरविजयसूरि
बृहद्गच्छ ऊकेष वंष | श्री जिनचंद्रसूरि पंखवाल गोत्र,
1114
| 1653 | रूपा, पूनादे, मूलादे
भ. श्री शांतिनाथ जी | वही.
36
1115 | 1624 | अमूलकदे, कुरादे
भ. श्री पद्मप्रभु जी | वही.
श्री हीरविजयसूरि तपागच्छ
1116
1615 | राणी, सिरिआदे
58
हुंबड ज्ञा. काजड़ गोत्र
1117
| 1627 | नारंगदे | 1643 | कोमकी, राजलदे
| श्री तेजरत्नसूरि तपा. श्री हीरविजयसूरि श्री विजयसेनसूरि
भ. श्री पद्मप्रभु जी | वही भ. श्री वासुपूज्य जी | वही भ. श्री आदिनाथ जी | वही
1118
प्रा. ज्ञा.
1119
1696 | गेलमा
विजयशिवसूरि तपागच्छ | भ. श्री कुंथुनाथ जी | वही
उपकेष ज्ञा. बुरा गोत्र
281
1120 | 1663 | चीबु 1121 1621 हीरादे
श्री श्रीमाल ज्ञा. | श्री ब्रह्माणगच्छ चोरड़िया गोत्र | अंचलगच्छ श्री सूरि
भ. श्री आदिनाथ जी | वही जिन बिंब
1122
1668 | भामनी
श्री लब्धिवर्धन
जिन बिंब
ओसवाल ज्ञा. सोनी गोत्र
1123
1674
सोभागदे
श्री विजयदेव सूरि
भ. श्री मुनिसुव्रत जी । वही
105
ओसवाल ज्ञा. नाहर गोत्र
महातपा.
1124
1617 | अवलादे, जइवंत
126
श्री हीरविजयसूरि | श्री विजयदानसूरि
भ. श्री कुंथुनाथ जी | वही | भ. श्री अजितनाथ | वही
1125
1816 | अमरा, संपू. मेलादे
| ऊकेष वंष
123
| जी
1126 | 1660 | भामनी, सोनी, इंद्राणी
श्री जिनवर्धनसूरि
भ. जिन प्रतिमा जी | वही
134
उसवाल, ज्ञा. अगडकबोलीगो
1127 |1671 | राजश्री
134
1128
1671 | रेख श्री,
132
स्तव्योवाल ज्ञा. श्री कल्याण सागरसूरि | भ. श्री पद्मानन जी वही लोढ़ा गोत्र अंचलगच्छ उसवाल ज्ञा. श्री कल्याण सागरसूरि, भ. श्री पार्श्वनाथ जी | वही लोढ़ा गोत्र अंचलगच्छ उसवाल ज्ञा. | श्री कल्याण सागरसूरि भ. श्री अजितनाथ | वही लोढ़ा गोत्र | अंचलगच्छ
जी लोढ़ा गोत्र श्री कल्याण सागरसूरि भ. श्री संभवनाथ जी | वही उसवाल ज्ञा.
1129 | 1671 | रेख श्री.
132
1130
1871 | रेख श्री. राजश्री
132
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