Book Title: Jain Shravikao ka Bruhad Itihas
Author(s): Pratibhashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur
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जैन श्राविकाओं का बृहद् इतिहास
क्र०
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1399
1400
401
संवत्
1772 उच्छरंगदेवी
1747 दाडिमदे
1841 तारादेवी
1809
केसरदेवी
1784 पद्मादेवी
1770 हरसुखदेवी
1670 तारादेवी
1647 धारलदेवी
1615 चांपलदेवी
1900 जयादेवी
1598 सिरियादेवी
1549 रयणादेवी
1524 कमलादेवी
1770 हरिसुखदेवी
1739 सुरूपा
1699 तारादेवी
1803 भक्तिदेवी
16वीं शमक
शती
श्राविका नाम
16वीं देविले शती
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वंश / गोत्र
खिंवसरा
नाहटा गोत्र
मीठडिया,
बोहरा
मुहता, बच्छावत
बोथरा
लूणिया गोत्र
बोहिथरा गोत्र
चोपड़ा गोत्र
गोताणी गोत्र
रहड गोत्र
चोपड़ा गोत्र
चोपड़ा गोत्र
सेठ गोत्र
बुहरा गोत्र
लुणिया
रेहड़ गोत्र
प्रेरक / प्रतिष्ठापक
गच्छ / आचार्य
आ. जिनकीर्तिसूरि
आ. जिनविजयसूरि
आ. जिनहर्शसूरि
आ. जिनचंद्रसूरि
आ. जिनलाभसूरि
आ. जिनभक्तिसूरि
आ. जिनरत्नसूरि
आ. जिनराजसूर
आ. जिनसिंहसूर
आ. जिनहंससूरि
आ. जिनचंद्रसूरि
आ. जिनमाणिक्य
आ. जिनहंससूरि
आ. जिनभक्तिसूरि
आ. जिनसौरव्यसूरि
आ. जिनरत्नसूरि
आ. जिनचंद्रसूरि
कोटिश्वर
मंगराज तृतीय
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प्रतिमा निर्माण आदि
6 कृतियां उपलब्ध हैं
संदर्भ ग्रंथ
ख. प. सं.
ख. प. सं
ख. प. सं.
ख. इ. प्र. खं
ख. इ. प्र. खं
ख. इ. प्र. खं
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ख. प. सं.
ख. प. सं.
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पृ.
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