Book Title: Jain Shravikao ka Bruhad Itihas
Author(s): Pratibhashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 648
________________ 626 सोलहवीं से 20वीं शताब्दी की जैन श्राविकाएँ क्र० संवत् प्राविका नाम वंश/गोत्र संदर्भ ग्रंथ प्रेरक/प्रतिष्ठापक गच्छ / आचार्य । प्रतिमा निर्माण आदि 1364 आदिनाथ ख. प. सं. 28 | 1597 | कर्मी देवलदे सोभागिणी | उकेषवंषआदिल या गोत्र 1365 1618 | लंगी | ओ. ज्ञा. श्री वजिदानसूरि तपा | कुंथुनाथ ख. प. सं. 1366 | 1626 | बवा, पूनी हरिविजयसूरि शीतलनाथ ख. प. सं. 1367 | 1610 बुधी, बगाई प्रा.ज्ञा. तपा. हरिविजयसूरि अभिनंदन ख. प. सं. 1368 हेमविजय लिखित 1725 | अखु हस्तु खुस्थाला वाचनार्थ जिनप्रतिमादृढ करण | ख. प. सं. हुंडी रास 1369 | 1738 | राजकुंयरि वाचनार्थ कनकसेन लिखित रतनपालरास 3 खंड | ख. प. सं. 462 34 ढाल 1370 | 1862 | करूणादेवी कोठारी गोत्र आ.जिनसौभाग्यसूरि ख. प. सं. 204 1371 1942 | सोनादेवी छाजेड गोत्र | आ.जिनचारित्रसूरि ख. प. सं. 211 1372 1739 | सुरूपा साहलेचा बोहरा | आ.जिनसुखसूरि ख. प. सं. 198 1373 1931 | नाजूदेवी भणसाली मुहता | आ.जिनकीर्तिसूरि ख. प. सं. 211 1374 | 1841 | तारादेवी | आ.जिनहर्षसूरि ख. प. सं. बच्चों को संस्कारित करके शासन प्रभावना में सहयोग दिया 1375 | 1809 | केसरदेवी | वच्छावत मुहता | आ.जिनचंद्रसूरि ख. प. सं. 38 1376 | 1784 | पद्मादेवी बोहित्थरा ख. प. सं. 37 | आ.जिनलाभसूरि आर्य रक्षित 1377 रूद्रसोमा आ.ब्राह्मण ख. प. सं. 1378 16वें | सुनंदा गौतम आ.वजस्वामी ख. प. सं. 1379 1711 | सुपियारदेवी चोपड़ा आ.जिनचन्द्रसूरि ख. प. सं. 198 1380 1550 | धारिणी काश्यप गोत्र आ.जंबूस्वामी ख. प. सं. 1381 | 16वी | देविले मंगराज तृतीय ख. प. सं. 485 1382 1803 | लाछलदेवी बुहरा गोत्र आ.जिनयुक्तसूरि ख. प. सं. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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