Book Title: Jain Shravikao ka Bruhad Itihas
Author(s): Pratibhashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 675
________________ जैन श्राविकाओं का बृहद इतिहास 653 नारी उत्थान के कार्यों में विभिन्न शिक्षा संस्थानों से पूर्ण रूप से जुड़ी हैं। स्वाध्याय, प्रवचन आदि के धार्मिक परिवेश से भी आप सतत् जुड़ी हुई। ७.१०० सुनिता गुप्ता : आपके माता-पिता श्रीमती विद्यावती जैन एवं प्रकाशचंद जैन हैं। कलकत्ता निवासी श्रीमान् वेद प्रकाश गुप्ता आपके पति हैं। आपका जन्म १६५४ में हुआ था। एम. ए., एल.एल.बी., एल. एल. एम तक की शिक्षा आपने संपन्न की। १६८० में आप दिल्ली हाई कोर्ट में सिविल जज नियुक्त हुई। वर्तमान में श्रीमती गुप्ता तीस हजारी कोर्ट दिल्ली में जिला व सत्र न्यायाधीश के पद पर कार्यरत हैं। आप प्रतिदिन श्री पदम प्रभु जी, श्री पार्श्वनाथ भगवान श्री महावीर चालीसा महामंत्र नवकार एवं भक्तामरजी स्त्रोत का जाप करती हैं। जैन धर्म के प्रति आज भी आपकी श्रद्धा अटुट है।" ७.१०१ कुमारी अशोका : आप दिल्ली निवासी स्व. श्री प्रकाशचंद जैन एवं श्रीमती सरलादेवी जैन की सुपुत्री हैं। आपने एल.एल.एन. तक की शिक्षा प्राप्त की है। आपने ३१ वर्ष तक अधिवक्ता का कार्य किया तथा बच्चों को नैतिक शिक्षा का अध्ययन करवाया। जिला उपभोक्ता निवारण फार्म की आप सदस्या रही व उच्च तथा उच्चतम न्यायालयों में स्नातक कार्यकर्ता के रूप में कार्य किया। इसके साथ ही आपने जैन तीर्थ यात्रायें की तथा जैन धर्म की लगभग सभी संस्थाओं से जुड़ी हैं । सन् २००१ से सामाजिक एवं कानूनी का- भों में रेडियो टेलिविजन पर आप प्रोग्राम देती आ रही हैं।६४ ७.१०२ श्रीमती वसुधा जैन : आप श्रीमान् वेदप्रकाश जैन तथा श्रीमती मामकँवर जैन की सुपुत्री तथा पानीपत निवासी श्रीमान् पवन जैन की धर्मपत्नी हैं। आप जैन महिला संगठन एवं अग्रवाल महिला संगठन पानीपत की सदस्या रह चुकी हैं। स्वाध्याय में आपकी विशेष रूचि है। आप निर्धन लोगों के लिए आजीविका के साधन जुटाने में सहयोग देती हैं। आप चार वर्ष तक टप्पर वेअर कंपनी की वी.आई.पी. मेनेजर रह चुकी हैं। पूरे देश में इस व्यवसाय में वह प्रथम स्थान पर रह चुकी हैं। आपका जन्म १६५६ में हुआ था।५ ७.१०३ श्रीमती कृष्णावंती जैन : आप मुंबई की रहने वाली हैं। आपका जन्म १६४६ में हुआ था। आप श्रीमती त्रिशलादेवी एवं श्रीमान् विमलप्रकाश जी की सुपुत्री एवं श्रीमान् रविंद्रकुमार जैन की धर्मपत्नी हैं। आप केनड़ा फाइनेंशियल इन्वेस्टमैंट स्टॉक मार्किट में व्यापार करती हैं एवं ऑइल एण्ड गैस प्रोडक्शन में अकांउटैंट हैं। आप दूध, शहद आदि का सेवन नहीं करती हैं। दूध के स्थान पर आप सोयाबीन एवं सूखा मेवा का दूध शुद्ध शाकाहार के रूप में ग्रहण करती हैं। ६ ७.१०४ श्रीमती बबीता जैन : आप बी. आर. गुप्ता एवं सुलोचना देवी गुप्ता की सुपुत्री तथा श्रीमान् जगदीप जैन की धर्मपत्नी हैं। आपका जन्म १६६५ में हुआ था। आपने एम.ए. एम. फिल., एल. एल. बी. तक की शिक्षा प्राप्त की हैं। वर्तमान में आप बिज़नेस एण्ड टेक्सटाईल में एक्सपोर्टर हैं। प्रतिदिन भक्तामर का पाठ करती है तथा अठाई तप भी कर चुकी हैं। ७.१०५ प्रो० (डॉ०) विद्यावती जैन :प्रो० डॉ० विद्यावती जैन विदुषी परंपरा में पाण्डुलिपियों का प्रमाणिक संपादन व अनुवाद करने वाली संभवतः सर्वाधिक अनुभवी हस्ताक्षर हैं। उनकी लेखनी के संस्पर्श से आनेवाली प्राचीन अप्रकाशित साहित्य की एक यशस्वी परंपरा है। जिससे विद्वज्जगत एवं जैन समाज सुपरिचित है। अपभ्रंश भाषा में रचित महाकवि सिंह की विशालकाय रचना प्रद्युम्नचरित्र का विभिन्न पाण्डुलिपियों से प्रामाणिक संपादन एवं शब्द-अर्थ की सुसंगति से समन्वित अनुवाद डॉ विद्यावती जैन द्वारा प्रस्तुत किया जाना इस संस्करण की श्रीवद्धि करता है। पौराणिक महापुरूष प्रद्युम्न के यशस्वी जीवन चरित्र को अतिसुंदर ढंग से गूंथकर रची गयी, www.jainelibrary.org For Private & Personal Use Only Jain Education International

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