Book Title: Jain Shravikao ka Bruhad Itihas
Author(s): Pratibhashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur
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क्र०
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संवत्
172
1701
1731
1781
1772 साईमती पठनार्थ
1761
1715
श्राविका नाम
वीपा पठनार्थ
नंदकोर पठनार्थ
मनमा पठनार्थ
वेलबाई पठनार्थ
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वीरबाई पठनार्थ
यमुनाइ, एसाई, कमला,
गंगा, षक गोमाई,
कमलजा, चांदा, सीतल
1716 महिमादे, दुर्गादे पंच
1716
सुजणादे, लाडी
1716 सहलीलदे, लाडी
1716 नौलादे, लाडी
1722 हीरामनि
1726 बहुरूपिणी सुषीला
1732 राहमती, मानमती,
आसमति, दमयंती
1760 जीवनदे, बलको
वंश / गोत्र
प्रा. ज्ञा.
वघेनवाल ज्ञा.
संघवी
| खंडेलवाल
भौसा गोत्र
लंबेचु यदुवंश पचोलते गोत्र
प्रेरक / प्रतिष्ठापक
गच्छ / आचार्य
कीर्तिविजय लिखित
मुनि कल्याण विजय द्वारा लिखित
पं. रंगसागर
नंदीतर गच्छ के मुनि इंद्रभूषण
श्री नरेंद्रकीर्ति परंपरा के
हैं
भट्टा श्री नरेंद्रकीर्ति
जैसवाल नायक काष्ठसंघ माथुरगच्छ
गोत्र उपरौतिया गुणभद्र
ज्ञा.
लंबक चुकान्वये रपरिया गोत्र
मूलसंघ सुरेंद्र भूषणदेव
की परंपरा के हैं
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प्रतिमा निर्माण
आदि
साधु वंदना मुनिवर
सुखेली 144 कड़ी
सीमंधनस्तवन 40
कडी
सीमंधरस्वामी विनति
रूप 350 गाथा का
स्तवन 17 ढाल
सोलहवीं से 20वीं शताब्दी की जैन श्राविकाएँ
संदर्भ ग्रंथ
दस पच्छक्खाण
गर्भित वीर स्तवन 33
कडी
सीमंधर जिन स्तवन 106 कडी
महावीर स्वामी शांतिनाथ एवं शीतलनाथ
विमलनाथतीर्थेश्वर
चैत्यालय स्वर्णकलशालंकृत त्रिकूट
शांतिनाथ
सम्यक्ज्ञान यंत्र
वही
जै. गु. क. भा. 4
जै. गु. क. भा. 4
जै. गु. क. भा. 4
जै.गु. क. भा. 4
जै. सि. भा. 1947
जै. सि. भा. 1941
जै. सि. भा. 1941
जै. सि. भा. 1941
जै. सि. भा. 1941
जै. सि. भा. 1936
जै. सि. भा. 1941
जै. सि. भा. 1947
जै. सि. भा. 1935
पृ.
205
67
68
204
175
255
199
96
97
97
97
32
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131
18
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