Book Title: Jain Shravikao ka Bruhad Itihas
Author(s): Pratibhashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 638
________________ 616 क्र० 1214 1215 1216 1217 1218 1219 1220 1221 1222 1223 1224 1225 1226 1227 1228 संवत् 172 1701 1731 1781 1772 साईमती पठनार्थ 1761 1715 श्राविका नाम वीपा पठनार्थ नंदकोर पठनार्थ मनमा पठनार्थ वेलबाई पठनार्थ Jain Education International वीरबाई पठनार्थ यमुनाइ, एसाई, कमला, गंगा, षक गोमाई, कमलजा, चांदा, सीतल 1716 महिमादे, दुर्गादे पंच 1716 सुजणादे, लाडी 1716 सहलीलदे, लाडी 1716 नौलादे, लाडी 1722 हीरामनि 1726 बहुरूपिणी सुषीला 1732 राहमती, मानमती, आसमति, दमयंती 1760 जीवनदे, बलको वंश / गोत्र प्रा. ज्ञा. वघेनवाल ज्ञा. संघवी | खंडेलवाल भौसा गोत्र लंबेचु यदुवंश पचोलते गोत्र प्रेरक / प्रतिष्ठापक गच्छ / आचार्य कीर्तिविजय लिखित मुनि कल्याण विजय द्वारा लिखित पं. रंगसागर नंदीतर गच्छ के मुनि इंद्रभूषण श्री नरेंद्रकीर्ति परंपरा के हैं भट्टा श्री नरेंद्रकीर्ति जैसवाल नायक काष्ठसंघ माथुरगच्छ गोत्र उपरौतिया गुणभद्र ज्ञा. लंबक चुकान्वये रपरिया गोत्र मूलसंघ सुरेंद्र भूषणदेव की परंपरा के हैं For Private & Personal Use Only प्रतिमा निर्माण आदि साधु वंदना मुनिवर सुखेली 144 कड़ी सीमंधनस्तवन 40 कडी सीमंधरस्वामी विनति रूप 350 गाथा का स्तवन 17 ढाल सोलहवीं से 20वीं शताब्दी की जैन श्राविकाएँ संदर्भ ग्रंथ दस पच्छक्खाण गर्भित वीर स्तवन 33 कडी सीमंधर जिन स्तवन 106 कडी महावीर स्वामी शांतिनाथ एवं शीतलनाथ विमलनाथतीर्थेश्वर चैत्यालय स्वर्णकलशालंकृत त्रिकूट शांतिनाथ सम्यक्ज्ञान यंत्र वही जै. गु. क. भा. 4 जै. गु. क. भा. 4 जै. गु. क. भा. 4 जै.गु. क. भा. 4 जै. सि. भा. 1947 जै. सि. भा. 1941 जै. सि. भा. 1941 जै. सि. भा. 1941 जै. सि. भा. 1941 जै. सि. भा. 1936 जै. सि. भा. 1941 जै. सि. भा. 1947 जै. सि. भा. 1935 पृ. 205 67 68 204 175 255 199 96 97 97 97 32 96 131 18 www.jainelibrary.org

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