Book Title: Jain Shravikao ka Bruhad Itihas
Author(s): Pratibhashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

View full book text
Previous | Next

Page 631
________________ जैन श्राविकाओं का बृहद इतिहास 609 क्र. संवत् | श्राविका नाम वंश/गोत्र । संदर्भ ग्रंथ प्रेरक/प्रतिष्ठापक गच्छ / आचार्य प्रतिमा निर्माण आदि 1093 ब्र. शांतिदास. मूलसंघ जै. सि. भा. 1947 | 131 | 1642 | लिषाइ, जिवाइ, हासबाई, | हुंबड ज्ञा. विलबाई गांगबाई, भोजाई, गोजाई धातुमय प्रतिमा, समवसरण सभा. 1094 1645 | रजाई, गंगााई, सोनाई बघेरवाल ज्ञा. जै. सि. भा. 1947 | 130 आ. गुणचंद्र का सानिध्य | चिंतामणि पार्श्वनाथ प्रतापकीर्ति कीआम्नाय कुंदकुदाचार्य को भट्टा. भ. श्री महावीर जी श्री रत्नकीर्ति 10951662 | वीरमति मूलसंघ जै. सि. भा. 1935 | 14 1096 भ. श्री पद्मप्रभु जी जे. जै. ले. सं.भा.2 151 1617 | वीरू 1097 1644 | दुलादे, जीवादे 1098 | 1682 | बाई, रूपाई उसवाल ज्ञाति | श्री विजयदानसूरि उसवाल. ज्ञा. | श्री हीरविजयसूरि उसवाल ज्ञा. मुनिसागर तपा. 151 भ. श्री श्रेयांसनाथ जी | वही. भ, श्री शांतिनाथ जी वही. | भ. श्री मुनिसुव्रत जी | वही. 144 1099 1688 | हरषमदे, जगमादे, जीवादे, 144 हुबड ज्ञा. वजियाणा गोत्र राणी 1100 1637 हीरविजयसूरि तपा. भ. श्री आदिनाथ जी । वही. 178 कामलदे, हर्षादे, सहिजलदे, हीरादे 1101 1651 | मोलादे | भ. श्री शांतिनाथ जी | वही. 179 1102 | 1656 मनाईकया ओसवाल ज्ञा. विजयसेन तपा. | भ. श्री संभवनाथ जी 179 1103 | 1686 लक नवरंगदे, ललतादे, केषरदे ललतादे 1104 | 1699 | संपूराई 1105 1628 | वाई 1106 1699 | सरूपदे, दीपा, सुषमदे वही. 1107 | 1627 | अब्दोदे 1108 1676 श्री मूलसंघ पद्यंनंदि सूरि | भ. श्री शांतिनाथ श्री | वही. 179 जिनप्रतिमा ऊकेष ज्ञा. श्री विजयदेवसूरि भ. श्री पार्श्वनाथ जी | वही. 194 प्रा. ज्ञा. श्री हीरविजयसूरि भ. श्री धर्मनाथ जी 228 । घांघ गोत्र | उदयसागरसूरि भ. श्री ऋषभदेव जी 231 ऊकेष वंष गोत्र | श्री जिनसूरि बृहत्खरतर भ. श्री धर्मनाथ जी जे. जै. ले. सं.भा.2 | 77 गच्छ उसवाल ज्ञा. | विजयसिंहसूरि भ. श्री विमलनाथ जी | वही. वरकिया ऊकेषवंष | जिनसिंहसूरि खरतर वही. कांगरेचा ओसवाल वंष धर्ममूर्तिसूरि भ. श्री अनन्तनाथ जी | वही. ओस. ज्ञा. श्री विजयसूरि तपा. भ. श्री धर्मनाथ जी अंबाई गोत्र प्रा. श्री हीरविजयसूरि | भ. श्री धर्मनाथ जी वही. ज्ञा, बृहद्गच्छ 1109 | 1690 | गारवदे 11101612 | रेनमा 1111 1624 मेलाई 1112 1628 | कनकादे, सोभागदे Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748