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जैन श्राविकाओं का बृहद् इतिहास
क्र०
।
संवत ।
| श्राविका नाम
श्राविका
वंश/गोत्र
प्रेरक/प्रतिष्ठापक - प्रतिमा निर्माण संदर्भ ग्रंथ गच्छ/आचार्य
आदि पिप्पल धर्म सागर सूरि | भ. श्री शांतिनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
1989 | 1517 | सुहवदे
श्री. श्री. ज्ञा
1990
प्रीमलदे
श्री. श्री. ज्ञा
पूर्णिमा श्री भुवनप्रभ सूरि | भ. श्री सुविधिनाथ| दि.जै.इ.इ.अ.
95
19911506 | पातली
श्री. श्री. ज्ञा
श्री जिनमाणिकसूरि
1992
1511
श्री. श्री. ज्ञा
पिप्पल श्री उदयदेवसूरि
खेतलदे, भोली कामलदे वापू
भ. श्री नमिनाथ | दि.जै.इ.इ.अ. जी भ. श्री नमिनाथ | दि.जै.इ.इ.अ. जी भ. श्री शांतिनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
1993
11506
श्री. श्री. ज्ञा
पूर्णिमा श्री वीरप्रभसूरि
जी
1994
1536 | रयणादे, माणिकदे
| श्री. उएसवंष
अंचल श्री जयकेसरीसूरि भ. श्री संभवनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
100
जी
1995
| 1511 | मदी
श्री. श्री. ज्ञा
100
1996
| 1560 | रंगी, पालू
श्री. श्री. ज्ञा
101
श्री सूरि
भ. श्री अजितनाथ दि.जै.इ.इ.अ.
जी नागेन्द्र श्री हेमसिंहसूरि | भ. श्री शांतिनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
जी धर्मघोष पद्मनाथ सूरि भ. श्री सुमतिनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
जी भावडार श्री भावदेवसूरि | भ. श्री नमिनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
1997 |1521
कल्हणदे
उप. ज्ञा
101
1998
1532 | सरसइ, रंगी
उपकेष.. ज्ञा
101
1999 | 1560 | हांसलदे अधिकादे
102
2000
| 1543
जीविणी, माणिकी
श्री. श्री. ज्ञा
तपा श्री कमलसूरि भ. श्री वासुपूज्य | दि.जै.इ.इ.अ.
जी श्री सौभाग्यरत्नसूरि भ. श्री शीतलनाथ दि.जै.इ.इ.अ.
जी तपा श्री लक्ष्मीसागर सूरि | भ. श्री अभिनंदन | दि.जै.इ.इ.अ.
102
2001
1523 | जसू, रत्नादे
प्रा. ज्ञा
103
2002
1536 | रत्नादे, वील्हणदे
श्री. ब्रह्माण
श्री बुद्धिसागर सूरि
म. श्री सुमतिनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
103
2003
| 1517 | हेली
श्री. श्री. ज्ञा
पिप्पल. श्री गुणरत्नसूरि
भ. श्री श्रेयांसनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
103
जी
2004 | 1548 | मांजू, मांकू, मल्हाई | श्री. श्री. ज्ञा
| श्री पद्मानंद सूरि
भ. श्री शांतिनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
103
जी
2005
1513 | नोडी, कली
श्री. श्री. ज्ञा
ब्रह्माण श्री मणिचंद्रसूरि | भ. श्री आदिनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
104
जी
2006
1527
माणिकदे
104
2007
| 1534
माल्हणदे, टूंबह
105
श्री. सिद्ध शाखीय | पिप्पल शालिभद्रसूरि भ. श्री सुमतिनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
जी श्री लक्ष्मीसागरसूरि भ. श्री आदिनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
जी | श्री. श्री. ज्ञा श्री पज्जूनसूरि | भ. श्री नमिनाथ दि.जै.इ.इ.अ.
जी श्री. श्री. ज्ञा पूर्णिमा श्री पुण्यरत्नसूरी | भ. श्री नमिनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
2008 | 1505 | सिणगार देवी
2009 | 1517 | भाणी, मानू
2010 | 1535
विमलादे
उकेषवंष
खरतर श्री जिनभद्रसूरी | भ. श्री नमिनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
जी
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