Book Title: Jain Shravikao ka Bruhad Itihas
Author(s): Pratibhashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 622
________________ 600 क्र० 914 915 916 917 918 919 920 921 922 923 924 925 926 927 928 929 930 932 933 934 935 936 937 938 संवत् 939 1612 1560 1583 सवीआदे, सरीयादे 1541 1510 धर्म्माई, हंसाई 1638 अमरादे 1600 अमरादे 931 1512 राजलदे 1515 जसमादे 1612 सोना 1627 जासलदे 1677 धनबाई 1534 1552 1524 लीलू, जीवाई, चंपाई 1634 वसुराई, सहिजलदे 1525 श्राविका नाम 1531 धिनाई सिरीठ लाडिकि रोहिणी 1529 रूपाई, रतनीई 1612 बकू भीमलदे जयतु काऊ, रंगी सहिजलदे, कपूरी करण पारबती 1573 आसी मंगाई, पल्हाई 1661 कोटमदे, जीवा 1517 वासू 1558 रूडी 1644 कोडाई, कराणी 1591 Jain Education International टीबू, सूहवदे, ललितादे वंश / गोत्र श्री श्री ज्ञा. श्री श्री ज्ञा. ओस ज्ञा. मोढ़ ज्ञा. सुराणागोत्र उपकेष मोढ़ ज्ञा. श्री श्री ज्ञा. ओस. ज्ञा. उपकेष ष श्री श्री ज्ञा. श्री श्री ज्ञा. श्री श्री ज्ञा. श्री श्री ज्ञा. श्री श्री ज्ञा. ओसवंष ज्ञा. श्री श्री ज्ञा. श्री ज्ञा. प्रा. ज्ञा. श्री श्री ज्ञा. गुर्जर ज्ञा. श्री श्री ज्ञा. ओसवंष श्री श्री ज्ञा. उसवंष प्रेरक / प्रतिष्ठापक गच्छ / आचार्य सदगुरू पूर्णिमा श्री सुरि तपा. श्रीविजयदानसूरि तपा. श्री नाणावाल. श्रीधने वरसूरि वृद्धतपा. उदयसागरसूरि पूर्णि. गुणसुंदर सूर वृद्धतपा. सौभाग्यरत्नसूरि भ. श्री सुपार्श्वनाथ जी श्री विजयदानसूरि तपा. श्रीविजयदानसूरि आगम. श्री भीलवर्धनसूरि पूर्णिमा सद्गुरू तपा. भट्टा. श्रीविजयसेनसूरि बृद्धतपा. श्रीरत्नसिंहसूरि तपा. श्री हीरविजयसूरि श्रीसूरि ब्रह्माण मुनिचंद्रसूरि तपा. सोहाकर तपा. श्रीविजयदानसूरि तपा. श्री हीरविजयसूरि तपा. श्री विजयदेवसूरि श्री साधुसुंदरसूरि श्रीसूरि तपा. श्रीविजयसेनसूरि कक्कसूरि दणीक सोलहवीं से 20वीं शताब्दी की जैन श्राविकाएँ For Private & Personal Use Only प्रतिमा निर्माण आदि भ. श्री धर्मनाथ जी पा. जै.धा.प्र.ले.सं. भ. श्री आदिनाथ जी जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 भ. श्रीशीतलनाथ जी जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 भ. श्री संभवनाथ चतु. जै. धा.प्र.ले.सं.भा. 2 जी भ. श्री सुमतिनाथ जी भ. श्रीशांतिनाथ जी भ. श्री चतुर्विंशति नमिनाथप्रतिमा जी भ. श्री पार्श्वनाथ जी भ. श्री वासुपूज्य जी भ. श्री पार्श्वनाथ जी भ. श्री संभवनाथ फु. जी भ. श्री नमिनाथ जी भ. श्री धर्मनाथ जी संदर्भ ग्रंथ जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 जै. धा.प्र.ले.सं. भा. 2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा. प्र.ले.सं.भा.2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2 भ. श्री सुमतिनाथ जी भ. श्री संभवनाथ जी भ. श्री आदिनाथ जी भ. श्रीशीतलनाथ जी जै. धा.प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 जै.धा. प्र.ले.सं.भा.2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 भ. श्री आदिनाथ जी भ. श्री आदिनाथ जी भ. श्री पार्श्वनाथ जी भ. श्री पार्श्वनाथ जी जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 भ. श्री पार्श्वनाथ भ. श्री विमलनाथ जी जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 दि. जै.इ.इ.आ.अ. भ. श्री वासुपूज्य जी भ. श्री आदिनाथ जी पृ. 198 198 199 199 199 200 200 200 201 201 201 201 201 201 202 202 202 202 202 202 203 203 203 203 203 www.jainelibrary.org

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