Book Title: Jain Shravikao ka Bruhad Itihas
Author(s): Pratibhashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 594
________________ 572 क्र० 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 संवत् 1566 डाही. 1592 हर्षादे, जीवादे 1644 काकी 1628 अरघाई, देवलदे. हांसी, 1512 मई, 1567 1571 हीरू, माणिकदे, 1544 रागति, नाथी, 1632 हांसलदे, रत्नाई, 1644 कीकी. 1525 चांपलदे, सहिजलदे, वइजलदे 1683 ऊझूरिसु 1638 पुगी, 1521 टबकू, रामा, जीविणी 1509 चंगाई, 1580 श्राविका नाम 1525 रमादे, 1530 सूहवदे, सहिजलदे, श्री बाई, 1526 करणू चमकु 1523 सुहवदे, मरगदे, महगलदे, जीविणि 1529 सुल्हा 1535 रूपी, 1537 लाछू, वल्हादे, आसीठ आदि 1503 कुतिगदे, 1552 आयूसु जानूसु 1677 रही. 1549 Jain Education International ललनू, जसिबा, वंश / गोत्र श्री श्री ज्ञा. श्री श्री ज्ञा. प्रा. ज्ञा. श्री श्री ज्ञा. ऊसवंष श्री श्री ज्ञा. श्री श्री ज्ञा. गूर्जर ज्ञा प्रा. ज्ञा. प्रा. ज्ञा. प्रा. ज्ञा. प्रा. ज्ञा. प्रा. ज्ञा. प्रा. ज्ञा. श्री श्री वंष श्री श्री ज्ञा. वायड ज्ञा. श्री श्री ज्ञा. प्रा. ज्ञा. श्री श्री ज्ञा. श्री श्री ज्ञा. श्री श्री ज्ञा. ओस. ज्ञा. वायड ज्ञा. ओस. ज्ञा. श्री श्री प्रेरक / प्रतिष्ठापक गच्छ / आचार्य तपा. श्री हेमविमलसूरि ब्रह्माण सूरि श्री विजयसेनसूरि तपा. श्री हीर विजयसूरि तपा. श्री जयकल्याणसूरि पीपल श्री गुणरत्नसूर श्री सूरि आगम श्री जिनचंद्रसूरि तपा. हीरविजयसूरि विजयसेनसूरि तपा. श्री लक्ष्मीसागरसूरि तपा. श्री विजयानंदसूरि तपा. श्री हीरविज तपा. श्री लक्ष्मीसागरसूरि श्री जिनभद्रसूरि श्री सूरि तपा. श्री लक्ष्मीसागरसूरि वृद्ध तपा. ज्ञानसागरसूरि तपा. श्री लक्ष्मीसागरसूरि तपा. श्री लक्ष्मीसागरसूरि मलधार श्री गुणनिधानसूरि पिप्पल श्री धर्मसागरसूरि वृद्ध तपा, श्री विजयरत्नसूरि जयचंद्रसूरि आगम श्रीसोमरत्नसूर तपा. विजयदेवसूरि श्री शीलगुणसूरि For Private & Personal Use Only सोलहवीं से 20वीं शताब्दी की जैन श्राविकाएँ प्रतिमा निर्माण आदि भ. श्री सुविधिनाथ जी भ. श्री सुपार्श्वनाथ जी भ. श्री शांतिनाथ जी भ. श्री धर्मनाथ जी भ. श्री अजितनाथ जी भ. श्री आदिनाथ जी भ. श्री वासुपूज्य जी भ. श्री पार्श्वनाथ जी भ. श्री श्रेयांसनाथ जी भ. श्री मुनिसुव्रत जी भ. श्री अजितनाथ जी भ. श्री सुविधिनाथ जी भ. श्री आदिनाथ जी भ. श्री शांतिनाथ चौबीस चतु जी भ. श्री विमलनाथ जी भ. श्री आदिनाथ जी भ. श्री कुंथुनाथ जी भ. श्री सुमतिनाथ जी भ. श्री विमलनाथ जी भ. श्री वासुपूज्य जी भ. श्री सुविधिनाथ जी भ. श्री धर्मनाथ जी भ. श्री शांतिनाथ जी भ. श्री शांतिनाथ जी भ. श्री सुमतिनाथ पंचतीर्थी जी भ. श्री सुमतिनाथ जी भ. श्री वासुपूज्य जी संदर्भ ग्रंथ जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा. प्र.ले.सं.भा.2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2 जै.ध.प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2 पृ. जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2 40 40 40 जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 42 40 40 40 3388 42 42 43 43 43 43 44 44 44 44 45 45 45 45 45 47 47 www.jainelibrary.org

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