Book Title: Jain Shravikao ka Bruhad Itihas
Author(s): Pratibhashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 516
________________ 494 क्र० 2349 2350 2351 2352 2353 2354 2355 2356 2357 2358 2359 2360 2361 2362 2363 2364 2366 संवत् 2368 1794 2369 1502 1507 1512 1561 1523 1509 1529 1507 1522 1518 1519 1530 1362 2365 1576 1565 1575 1579 श्राविका नाम 1582 तुलसा पठनार्थ लूणादे, देवलदे सीतादे, वरनू Jain Education International | स्तहबदे, ह नार्दू, पलदे, वीरा, पार्वती दाभा, टबकू, रत्नादे, बनादे सशु. रत्नू हरशू मोहाणि, लाशणदे वारू प्रतापदे, सुरमा पार्वती गणी पाचु पुहती, मातर 2367 1579 पद्मसिरी, हेतु सदमाई, पठनार्थ धरण, नीनू बाई, पार्वती चाहू खातू 1581 कवलादे बाई मोली वंश / गोत्र श्री. ज्ञा. प्रा. ज्ञा. श्री. श्री श्री. श्री उस. ज्ञा प्रा. ज्ञा. प्रा. ज्ञा. उकेश ज्ञा. आदित्यगोत्र उप. ज्ञा. श्री. श्री. वंश उप. वंश गंगवाल गोत्र खंडेलवाल टोग्या गोत्र टोंग्या गोत्र खंडेलवाल साह प्रेरक / प्रतिष्ठापक गच्छ / आचार्य हेमरत्नसूर, आगम. रत्न शेखरसूरि तपा. पजून्नसूरि तपा. हेमविमलसूरि तपा. लक्ष्मीसागरसूरि पुष्पचंद्रसूरि तपा. लक्ष्मीसागरसूरि सूर कनकसूरि जसकेसरीसूरि, अचल लावण्यसमय कवि ने रची थी | अचल सावसागरसूरि जसहर चरिउ मसण पराजय सिद्धचक्र कथा श्रीपाल चरित्र ताम्रयंत्र रत्न करण्ड For Private & Personal Use Only प्रतिमा निर्माण आदि श्रीकुमार चरित्र विमलनाथ पंचतीर्थी अनंतनाथ विमलनाथ मल्लिनाथ शांतिनाथ कुंथुनाथ सोलहवीं से 20वीं शताब्दी की जैन श्राविकाएँ कुंथुनाथ जै.स्क.इ.वे. म्यु मुनिसुव्रतस्वामीच जैस्क.इ.वे. म्यु तुर्विंशति धर्मनाथ जै.स्क. इ.वे. म्यु सुमतिनाथ संदर्भ ग्रंथ प्र.सं. पद्मसिरी को भेंट दी मंडलाचार्य धर्मचंद्र जै..इ.वे. म्यु जै.स्क.इ.वे. म्यु जै.स्क.इ.वे.म्यु मुनि हेम कीर्ति को भेंट यशोधर चरित्र की प्रति शास्त्र लिखवाया जै. ग्रं. भ. इन.ज.ना जै.स्क.इ.वे. म्यु जै.स्क.इ.वे.म्यु जै..इ.वे. म्यु आदिनाथ विनंती एं.ले.सं. अजितनाथ चौबीस जिनपट्ट म. रा. जै. ध. भ.पा.प. इ. भट्टा प्रभाचंद्र को ख. जै. स. बृ.इ. प्रदान की थी ख. जै. स. बृ.इ. भ.पा.प. इ. ख. जै.स.बृ.इ. ख.जै.स.बृ.इ. ख. जै.स.बृ.इ. ख. जै.स. बृ.इ. पृ. 272 34 35 34 38 38 35 36 36 36 119 72 165 340 203 ཚོ། རྦུ། ཚོ 172 142 147 www.jainelibrary.org

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