Book Title: Jain Shravikao ka Bruhad Itihas
Author(s): Pratibhashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 562
________________ 540 क्र० संवत् 3398 3399 1525 3400 3401 3402 3404 3406 3403 1517 3408 3409 3405 1519 3410 1505 3412 3407 1528 3413 1528 1513 1580 3417 1563 3419 1515 3411 1510 भावलदे 3421 1534 1533 1522 साल्हादे 3414 1508 1506 3415 1506 1517 3416 1510 श्राविका नाम प्रीमलदे, सिंगारदे काषमीरश्री, फली झाबली, पांची टीबू, धारिणी डाही, लाछी राखी, हमीरदे, नीति रूडी, वाल्ही अमरी लाछादे, हीमरादे खेतलदे, राजलदे महिगलदे वल्ही लाखी, कीमी लाछू देवली 3418 1534 तेजू 3420 1517 1528 माल्हवदे, लाम्ब देवमति लूणादे कर्पूरदे टही, हासू तिलश्री 1516 माल्हवदे 1515 धापू Jain Education International सुहवदे श्रीदे, नीनादे वंश / गोत्र श्री. श्री. ज्ञा. श्री. श्री. ज्ञा. श्री. श्री. वंष प्रा. ज्ञा. श्री. श्री. ज्ञा. प्रा. ज्ञा. थिरापद्रनगर श्री श्री. श्री. ज्ञा. श्री. श्री. ज्ञा. प्रा. ज्ञा. प्रा. ज्ञा. श्री. श्री. ज्ञा. उप ज्ञा श्री. श्री. ज्ञा. थारापद्र ब्रह्माण श्री. श्री. ज्ञा. श्री. श्री. ज्ञा. उप भणसाली प्रा. ज्ञा. प्रा. ज्ञा. श्री. श्री. ज्ञा. श्री. श्री. ज्ञा. श्री. श्री. ज्ञा. प्रेरक / प्रतिष्ठापक गच्छ / आचार्य श्री प्रद्युम्नसूर श्री वीरसूरि अंचल श्री जयकेसरीसूरि पूर्णिमा जय शेखरसूरि सोलहवीं से 20वीं शताब्दी की जैन श्राविकाएँ For Private & Personal Use Only प्रतिमा निर्माण आदि भ. श्री विमलनाथ जै.धा.प्र.ले.स. चतु. जी भ. श्री शांतिनाथ जै.धा.प्र.ले.स. चतु. जी भ. श्री सुविधिनाथ जै.धा. प्र.ले.स. जी संदर्भ ग्रंथ भ. श्री शांतिनाथ जै.धा. प्र.ले.स. जी पूर्णिमा श्री सुमतिरत्नसूरि तपा श्री लक्ष्मीसागरसूरि पूर्णिमा श्री सूमितिनाथ पिप्पल श्री अमरचन्द्रसूरि भ. श्री शीतलनाथ जै.धा.प्र.ले.स. चत. जी पिप्पल श्री चंद्रप्रभसूरि चैत्र श्री ज्ञानदेवसूरि तपा श्री लक्ष्मीसागरसूरि नागेन्द्र श्री गुणदेवसूरि उपकेष श्री कक्कसूरि पिप्पल धर्म शेखरसूरी पिप्पल धर्म शेखरसूरि श्री प्रद्युम्नसूर भ. श्री अजितनाथ जै.धा. प्र.ले.स. जी सिद्धान्त श्री सोमचंद्रसूरि भ. श्रीषीतलनाथ जै.धा.प्र.ले.स. जी पिप्पल धर्म शेखरसूरि भ. श्री श्रेयांसनाथ जै.धा.प्र.ले.स. जी खरतर श्री जिनभद्रसूरि बृहत्तपा ज्ञानसागरसूरी डीसावालनगर श्री सूरि पूर्णिमा श्री साधुरत्नसूरि पिप्पल धर्मषेखरसागरसूर श्री विजयसिंहसूर भ. श्री सुपार्श्वनाथ जै.धा.प्र.ले.स. जी भ. श्री विमलनाथ जै.धा. प्र.ले.स. जी भ. श्री चंदप्रभ जी जै.धा.प्र.ले.स. भ. श्री आदिनाथ जै.धा. प्र.ले.स. जी भ. श्री विमलनाथ जै.धा.प्र.ले.स. जी भ. श्री शांतिनाथ जै.धा. प्र.ले.स. जी भ. श्री सुविधिनाथ जै. धा.प्र.ले.स. जी भ. श्री शीतलनाथ जै.धा.प्र.ले.स. जी भ. श्री शांतिनाथ जै.धा.प्र.ले.स. जी भ. श्री शांतिनाथ जै.धा.प्र.ले.स. जी भ. श्री शांतिनाथ जै.धा. प्र.ले.स. जी भ. श्री सुविधिनाथ जै.धा.प्र.ले.स. जी भ. श्री श्रेयांसनाथ जै. धा.प्र.ले.स. जी जै.धा.प्र.ले.स. भ. श्री शांतिनाथ जै.धा. प्र.ले.स. जी भ. श्री नमिनाथ जी भ. श्री श्रेयांसनाथ जै.धा. प्र.ले.स. जी पृ. 199 200 200 201 201 202 202 202 204 204 205 205 205 205 206 206 207 207 207 208 208 209 210 211 www.jainelibrary.org

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