Book Title: Jain Shravikao ka Bruhad Itihas
Author(s): Pratibhashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 547
________________ जैन श्राविकाओं का बृहद इतिहास क्र० 3049 3050 3051 3052 3053 3054 3055 3056 3057 3058 3059 3060 3061 3062 3063 3064 3065 3066 3067 3068 3069 3070 3071 संवत् 1517 मनी, माहादि 1508 जासू, अमकू सहिजलदे 1515 कपूरी, मानू, लीलाई 1506 नामलदे, कर्मादे 1517 कर्मादे, वनू 1508 गुरी, मागिणि 1528 दवकू अमरी, वीरू 1589 सुहवदे, गौरी, कामलदे 1519 कुतिगदे, लीलादे 1517 जमणादे 1511 श्राविका नाम 1553 मानूपु माल्हूसु 1569 हेमादे, षीमाई 1561 जालणदे 1531 कर्मणि, माणिकदे हीरू, करमाई, कपूराई 1523 सूहवदे, कुंअरि, टबकू रत्नादे, वनादे 1525 नागलदे, विमलादे 1520 1529 कुंअरि, हेमाई 1506 | राजू रंगाई 1547 रमाई 1524 गोमति, मकांसु, कमली 1525 सूहवदे, कुंअरि, रत्नादे Jain Education International वंश / गोत्र प्रा. ज्ञा. श्री. श्री. ज्ञा. श्री. श्री. ज्ञा. प्रा. ज्ञा. ऊकेष. ज्ञा. श्री. श्री. ज्ञा. श्री. ज्ञा. श्री. श्री. ज्ञा. श्रीमाल. ज्ञा. प्रा. ज्ञा. उपकेष. ज्ञा. मंडावंष गोत्र श्री. श्री. वंष श्री. ज्ञा. ऊकेष. ज्ञा. श्री. श्री. ज्ञा. ओएसवंष वायड ज्ञा. ओस ज्ञा. मंडोवरा गोत्र श्री. श्री. ज्ञा. श्री. श्री. ज्ञा. श्री. श्री. ज्ञा. वायड ज्ञा. प्रेरक / प्रतिष्ठापक गच्छ / आचार्य तपा. श्री रत्नषेखर सूरि श्री सूरि ब्रह्माण. श्री मुनिचंद्रसूरि तपा. रत्नषेखर सूरि बृहत्तपा. श्रीजयचंद्रसूरि पूर्णिमा, श्री साधुसुंदरसूरि ब्रह्माण. विमलसूरि पिप्पल. श्री गुणसागरसूरि ब्रहाण. विमलसूरि संडेर. श्री शालिभद्रसूरि धर्मघोष. श्री साधुरत्नसूरि पीपल. श्री धर्मवल्लभसूरि कोरट. श्री नन्नसूरि पूर्णिमा श्रीउदयचंद्रसूरि नागेंद्र श्री हॅमरत्नसूरि अंचल. जसकेसरीसूरि तपा. श्रीलक्ष्मीसागरसूरि धर्मघोष श्री साधुरत्नसूरि वृद्धतपा. ज्ञानसागरसूरि पूर्णिमा श्री गुणसमुद्रसूरि पूर्णिमा श्री पुण्यरत्नसूर श्री लक्ष्मीसागरसूरि For Private & Personal Use Only प्रतिमा निर्माण आदि भ. श्री मुनिसुव्रतस्वामी भ. श्री संभवनाथ जी जी भ. श्री श्रेयांसनाथ जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2 जी भ. श्री नमिनाथ जी भ. श्री संभवनाथ जी भ. श्री संभवनाथ जी भ. श्री विमलनाथ जी भ. श्री कुंथुनाथ जी भ. श्री आदिनाथ जी भ. श्री वासुपूज्य जी भ. श्री सुविधिनाथ जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2 जी जै.धा. प्र.ले.सं.भा.2 भ. श्री आदिनाथ जी संदर्भ ग्रंथ भ. श्री मुनिसुव्रत चतु जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2 भ. श्री शीतलनाथ जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2 जी भ. श्री पार्श्वनाथ जी भ. श्री शीतलनाथ जै.धा. प्र.ले.सं.भा.2 जी भ. श्री वासुपूज्य जी जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा. प्र.ले.सं.भा.2 भ. श्री गोतम प्रतिमा जी जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 भ. श्री सुमतिनाथ जै.धा. प्र.ले.सं. भा. 2 जी भ. श्री अमिनाथ जी जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2 भ. श्री शांतिनाथ चतु. जी भ. श्री श्रेयांसनाथ जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 जी जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2 जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा. प्र.ले.सं.भा.2 भ. श्री सुमतिनाथ जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2 जी जै.धा. प्र.ले.सं.भा. 2 .ध.प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 जै.धा.प्र.ले.सं.भा. 2 525 पू. 175 175 176 176 177 177 177 177 191 191 191 192 192 192 193 193 193 193 194 194 194 194 195 www.jainelibrary.org

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