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जैन श्राविकाओं का बृहद् इतिहास
443
1264
1547 | पूरीसु, रूपाई,
कबाई
श्री श्री ज्ञा.
तपा. सुमतिसाधुसूरि
भ. श्री कुंथुनाथ जी | जै.धा.प्र.ले.सं.भा.2
2068
1265
1515
| देवलदे
श्री श्री ज्ञा.
पूर्णिमा. साधुसुंदरसूरि
भ. श्री आदिनाथ जी | जै.धा.प्र.ले.सभा.2
|
184
1266
1509 | कपूरी, कुती
गूर्जर ज्ञा.
तपा. श्रीरत्नशेखरसूरि
भ. श्री शांतिनाथ जी | जै.धा.प्र.ले.स.भा.2
184
1267
1549
टबकू, वल्हादे
श्री. श्री. ज्ञा.
मा.
वृद्धतपा. उदयसागरसूरि | भ. श्री पार्श्वनाथ जी | जै.धा.प्र.ले.स.भा.2
शा.
184
1268
1521 | चांपासिरि, सीतादे
ओस. ज्ञा. गांधी गोत्र
मलधारिगुणसुंदरसूरि
भ. श्री धर्मनाथ जी
जै.धा.प्र.ले.स.भा.2
| 184
जर्मनी मूल की जन्मी थी। श्राविका चारलेट क्रॉस। जैनाचार्य से जैन सिद्धांतों से इतनी अधिक प्रभावित हुई थी कि उसने अपना नाम सुभद्रादेवी (हिन्दुस्तानी) रखा
___ था। उसने जैन धर्म की श्राविका दीक्षा स्वीकार की थी।
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