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जैन श्राविकाओं का बृहद् इतिहास
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४१ जैन शिलालेख संग्रह भा. २ प. ४७, भा. ३, ७१-७३. ४२ वही प. ११२. ४३ जैन धर्म की प्रमुख साध्वियां एवं महिलाएँ प. १७६ -१७७. ४४ क) जैन सिद्धांत भास्कर प. ६४ अंक १६४१ माह दिसंबर.
ख) जैन शिलालेख संग्रह भा. ३ प. १६४ - १६६.
ग) दक्षिण भारत में जैन धर्म प. १२६. ४५ क) जैन बिबलियोग्रफी, पार्ट. II. छोटेलाल जैन. प. १३३६.
ख) पं. चंदाबाई अभिनंदन ग्रंथ, श्री शेरवती देवी, प. ५१२. ग) प्राकत विद्या, प्रो. राजाराम जैन प. ११७ जनवरी-जून, २००२, घ) प्रमुख एतिहासिक जैन पुरूष और महिलाएँ, प. १३२-१३५, डॉ. ज्योतिप्रसाद जैन. ङ) प्राकत विद्या, प्रो. राजाराम जैन प. ११७. च) जैन धर्म की प्रमुख साध्वियां एवं महिलाएँ. डॉ. हीराबाई बोरड़िया प. १७१. छ) जैन शिलालेख संग्रह भा. २ प. विजयमूर्ति प. १४. ज) जैन सिद्धांत भास्कर भाग. २ किरण-२ प. ४७.
२. प्रमुख एतिहासिक जैन पुरूष और महिलाएँ. प. ११५–११८ डॉ बीराबाई बोरड़िया. ४६ क) भारतीय इतिहास : एक दष्टि: ज्योतिप्रसाद जैन भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, प. ३३१.
ख) प्रमुख ऐतिहासिक जैन पुरूष और महिलाएँ. प. १४० डॉ. ज्योतिप्रसाद जैन. ग) पं. चंदाबाई अभिनंदन ग्रंथ : श्री शेरवती देवी, आ. भा. दि. जै. महिलापरिषद प. ५५२. घ) प्रमुख एतिहासिक जैन पुरूष और महिलाएँ. प. १४० डॉ जयोतिप्रसाद जैन. ङ) पं. चंदाबाई अभिनंदन ग्रंथ : श्री शेरवती देवी. आ. भा. दि. जै. महिलापरिषद प. ५५२.
च) जैन बिबलियोग्रफी. पार्ट. || . छोटेलाल जैन. प. १३३६.१३३७. । क) दक्षिण भारत में जैन धर्म प. ८ और १२३.
ख) आर्यिका इंदुमती अभिनंदन ग्रंथ, विजयमति माताजी, प.८ ४८ क) मद्रास व मैसूर प्रांत के प्राचीन जैन स्मारक ब्र शीतलप्रसाद जी, प. ३२०
ख) जै. शि. सं. भाग २, पं. विजय मूर्ति, प. १४५–१४६ के अनुसार लगभग १५० ई. ४६ क) दक्षिण भारत में जैन धर्म प. १२२-१२३, पं. कैलाशचंद्र शास्त्री भारतीय ज्ञान पीठ, दिल्ली कलकत्ता. प्र. सं. १६६७ वी. नि. २४६४.
ख) मद्रास व मैसर प्रांत के प्राचीन जैन स्मारक. ब्र. शीतलप्रसाद जैन प. ३१६. ५० जै. शि. सं. भा. १, जैन हीरालाल प. ११ सन् १६२८, मुम्बई. ५१ जैन धर्म की प्रमुख साध्वियां एवं महिलाएँ. डॉ. हीराबाई प. १७३-१७४. ५२ जैन धर्म की प्रमुख साध्वियां एवं महिलाएँ. डॉ. बोरड़िया प. १७४. ५३ जैन धर्म की प्रमुख साध्वियां एवं महिलाएँ. डॉ. हीराबाई बोरड़िया प. १६६. ५४ जैन धर्म की प्रमुख साध्दियां एवं महिलाएँ. डॉ. हीराबाई बोरड़िया प. १६६-१७०. ५५ क) दक्षिण भारत में जैन धर्म प. १२२-१२३ पं. कैलाशचंद शास्त्री प. १०१.
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