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(४) सं० १५०१ पौषक० ६ श्रीश्रीमालज्ञातीय मंत्रीसन्ताने पिता थे. जेसिंग(जयसिंह), माता पत्रापदी, स्वभार्या राजूबाईने माता-पिता, पुत्र के श्रेयोर्थ सिद्धान्तगच्छीय श्रीसोमचन्द्रसरि के द्वारा श्रीकुन्थुनाथजी का बिम्ब प्रतिठित करवाया। घर में सर्वत्र सौभाग्य हो।
सं० १५२८ वैशाख शु० ३ शनिवार के दिन भोअलीग्राम निवासी श्रीश्रीमालज्ञातीय व्य० वापा भार्या रतनूदेवी के पुत्र वनवीरने पिष्पलगच्छीय त्रिभवीया भट्टा० भीधर्मसागरसरि के द्वारा श्रीविमलनाथ प्रभु का पंचतीर्थी बिम्ब स्वभार्या शाणीदेवी, माता, पिता और पितृजनों के श्रेयार्थ प्रतिष्ठित करवाया।
सं० १४२१ वैशाखशु०५ शनिवार के दिन पुत्र हेलाकने नागेन्द्रगच्छीय श्रीगुणाकरसूरि के द्वारा अपने पिता जयन्त, माता जयतलदेवी और पितृव्य कर्मण (कर्मराज के श्रेय के लिये श्रीपार्श्वनाथ प्रभुका पंचतीर्थी विश्व प्रतिष्ठित करवाया।
(७) सं० १४३३ वैशाखशु०९ शनिवार के दिन कोरण्टक
"Aho Shrut Gyanam"