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(१९) सं० १५०९ माघशु०५ सोमवार के दिन श्रीश्रीमालज्ञातीय श्रे० सोना( सोनमल) ने स्वभार्या राजीबाई, भ्राता बदा (द्धिचन्द्र ), भा० पूरीबाई के निमित्त श्रीसुमतिनाथ का विम्ब करवाया, जो सिद्धान्तगच्छीय श्रीसोमचन्द्रसूरि के द्वारा प्रतिष्ठित हुआ।
(२०) सं० १३४९ ज्येष्ठशु० २ भावडारगच्छीय शा० सोमा (सोमचन्द्र) मा० सोमश्री के पुत्र छाडा, नागा, गजधरने स्वमात के कल्याणार्थ श्रीपार्श्वनाथ का बिम्ब करवाया, जो श्रीविजयसिंहरि के द्वारा प्रतिष्ठित हुआ।
(२१) सं० १४३२ फाल्गुनशु० २ शुक्रवार के दिन श्रीश्रीमालज्ञातीय व्य० बागमल भार्या विजयश्री के कल्याणार्थ पुत्र विजवकर्णने श्रीनरप्रमसूरि के उपदेश से श्रीवासुपूज्यस्वामी का बिम्ब करवाया।
(२२) सं० १५०९ माघशु० १० शनिवार के दिन थिरापद्र निवासी श्रीश्रीमालजातीय पितामह हापा पितामही हांसलदेवी पुत्र चंरा भा. चांपलदे सुत देवाने भा० लूणादे सहित
"Aho Shrut Gyanam"