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( २४२ )
देवी के श्रेयार्थ श्रीसुमतिनाथजी का विम्ब श्रीपार्श्वचन्द्रसूरि के उपदेश से करवाया ।
( १६० )
सं० १५०३ ज्येष्ठक० ७ के दिन ब्रह्माणगच्छानुयायी मोरिग्राम निवासी श्रीश्रीमालज्ञातीय व्य० शा० हीरा पुत्र वयराज भा० लाड़ीबाई पुत्र मण्डनने भा० पालूबाई पुत्र शा० समघर, धनराज सहित अपने श्रेयार्थ श्रीवासुपूज्यस्वामी का बिम्ब श्रीपज्जून सूरि द्वारा प्रतिष्ठित करवाया ।
( १६१ )
सं० १४४२ वैशाशकृ० १० रविवार के दिन श्रीमालज्ञातीय श्रे० हरपाल भा० हीरादेवीने अपने श्रेयार्थ जीवितस्वामि- श्री आदिनाथजी का विम्ब पिष्पलगच्छीय श्रीसागरचन्द्रसूरि द्वारा प्रतिष्ठित करवाया ।
( १६२ )
६.
सं० १५०३ मार्गशिरक० ५ भावडारगच्छानुयायी.... सं० हादा पुत्र सं० काला भा० कमलाबाई के पुत्र मीमा, वेला, मालाने अपने श्रेयार्थ श्रीवीरसूरि द्वारा श्रीनमिनाथजी का बिम्ब प्रतिष्ठित करवाया ।
( १६३ )
सं० १४९३ में प्राग्वाटज्ञातीय श्रे० माऊलसिंह भा०
"Aho Shrut Gyanam"