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(२५९) ज्ञातीय पर्वजगोत्रीय व्य० शिव के पुत्र देवराजने अपनी भा. देवली के सहित माता संसारबाई के श्रेयार्थ श्रीपनप्रमस्वामी का बिम्ब करवाया, जिसकी प्रतिष्ठा बड़गच्छीय श्रीसर्वदेवमूरिने की।
(२२१) सं० १५१० माघशु० १० बुधवार के दिन श्रीश्रीमालज्ञातीय व्य० श्रवण, कालू तथा समधने पिता भामट, माता मीनलचाई के श्रेयार्थ श्रीचन्द्रप्रभस्वामी का विम्ब करवाया, जिसकी प्रतिष्ठा पूर्णिमापक्षीय श्रीसाधुरत्नपूरि के उपदेश से सविधि क्यणाग्राम में हुई ।
(२२२) सं० १५६५ ज्येष्ठक. २ के दिन मुनिमहिमेसने श्रीपार्श्वनाथजी का बिम्ब प्रतिष्ठित किया।
(२२३) सं० १७८५ मार्गशिरशु० ५ के दिन श्रीश्रीमालज्ञातीय वोरा जसराजने स्वश्रेयार्थ श्रीधर्मनाथप्रभु का बिम्ब करवाया, जिसकी प्रतिष्ठा कडुआमतानुयायी शाहाजी लाधाजी थोभनजीने करवाई।
(२२४) सं० १४११ ज्येष्ठकृ० ९ शनिवार के दिन श्रीश्रीमाल
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