Book Title: Jain Pratima Lekh Sangraha
Author(s): Yatindrasuri, Daulatsinh Lodha
Publisher: Yatindra Sahitya Sadan Dhamaniya Mewad
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अशुरु षटचतुष्किका प्रयाण
(२)
शुद्ध षट्चतुष्किका ब्रह्माण ब्रह्माण जिनचन्द्र
ब्रयाण जिनचन्द्व
* - * -
चन्द्र
काव्यों की व्यव
शब्दों की व्यव० वर्षे
* -
मं०
-
कुटुब शीपज्जून भातनि० चतुावशति श्रीजिवीतस्वामी माग बुधे बधि भद्रसरि
कुटुम्ब श्रीपज्जून प्रातृनि० चतुर्विंशति श्रीजीवितस्वामी
मार्ग
बुधे बदि चंद्रसूरि
- 62 6 . 2 0
बजूर
बरजू
स्वपुण्यार्थ श्रीराउला
११५ १२०
स्वपुण्यार्थ श्रीजीराउला
"Aho Shrut Gyanam"

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