Book Title: Jain Pratima Lekh Sangraha
Author(s): Yatindrasuri, Daulatsinh Lodha
Publisher: Yatindra Sahitya Sadan Dhamaniya Mewad

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Page 332
________________ ( ३१९) (३७२) धातुमय पंचतीर्थयाँ सं० १४२५ वैशाखशु० ११ के दिन ब्रमाणगच्छीय श्रीश्रीमालज्ञातीय पितामही रामादेवी, पिता नथमल, माता लीलादेवी श्रे०3० श्रीपालने श्रीशान्तिनाथ की पंचतीर्थी करवाई, जिसकी प्रतिष्ठा श्रीबुद्धिसागरसरि द्वारा हुई। (३७३) सं० १४८८ मार्गशिरकृ० ५ गुरुवार के दिन श्रीमालज्ञातीय व्य. आंजन( अर्जुन ) भार्या भोलीवाई पुत्र आका( अक्षयराज )ने श्रीपार्श्वनाथजी का (पंचतीर्थी ) विम्ब करवाया, जिसकी प्रतिष्ठा श्रीसोमसुन्दसूरि के द्वारा हुई। (३७४) .. सं० १४२४ माघशु०८ के दिन व्य० जयता भार्या हंसादेवी पुत्र बाहड़( वाग्मट )ने अपने पिता माता के कल्याणार्थ श्रीपचप्रमस्वामी का (पंचतीर्थी) बिम्ब करवाया। "Aho Shrut Gyanam"

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