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(३५६) - सं० १५११ माष९०९ सोमवार के दिन जाणदीग्राम निवासी श्रीमालज्ञातीय व्य. पाल्हा मार्या पाल्हणदेवी पुत्र वानरने अपनी मार्या वीकलदेवी और सुपुत्र सहित पिता, माता, पितृव्य जाल्हा, प्राता पीताम्र और पूर्वजों के कल्याणार्थ श्रीअजितनाथचतुर्विशतिजिनपद्य पूर्णिमागच्छीप श्रीराजतिलकसरि के द्वारा प्रतिष्ठित करवाया ।
(३५७) सं० १५२२ माघशु०९ शनिवार के दिन सहुआला. ग्रामनिवासी प्राग्वाटज्ञातीय श्रे० विरुआ भार्या आजीदेवी पुत्र सं० मांकडा भार्या झालीताई पुत्र सं० अर्जुनने अपनी पत्नी अहिवदेवी सहित द्वितीया पत्नी रामती के कल्याणार्थ बृहत्तपागच्छीय प्रभु भट्टारक श्री श्री श्रीजिनरत्नसरि के द्वारा श्रीमुनिसुव्रतस्वामी की प्रतिमा (पंचतीर्थी) प्रतिष्ठित करवाई।
(३५८)
सं० १५२३ वैशाखशु० ३ के दिन वीरमगाँव निवासी प्राग्वाटज्ञातीय सं० नापाने मार्या लखमा (लक्ष्मी) देवी पुत्र खोना, ढाइय, हांसा, जावड, मावड भार्या क्रमशः अमरादेवी, नाथीदेवी, कनाईदेवी, मेघाईदेवी, आशादेवी उनके पुत्र नाकर, मटका, रूपा, सूरा आदि परिजनों सहित
"Aho Shrut Gyanam"