________________
(३१६) गुरुओं को नमस्कार हो । सं० १९९७ मारवाड़ी पंचांग के अनुसार उत्तम माह फारगुनकृष्णा ६ के दिन कुम्मलम स्थिरांश सोमवार को प्रातःसमय वासनानगरनिवासी श्रीभालज्ञातीय बृहच्छारवीय श्रीसंघने वर्तमानाचार्य भट्टारक श्री श्री १००८ विजययतीन्द्रसरि के आदेश से मुनिवर श्रीमद् हर्षविजय के द्वारा ठा० भीमसिंह के राज्यकाल में स्थापित करवाई। श्रीसौधर्मवृहत्तपागच्छ में शुभ कारक हो।
(३५४) लुआणा (दियोदर ) के आदिनाथ चैत्य में प्रस्तर प्रतिमाधातु चोवीशी पंचतीर्थयाँ
सं० १९५५ फाल्गुनक० ५ के दिन सियाणानगर के समस्त संघने श्रीराजेन्द्रसूरिजी के द्वारा (आहोर में श्रीविमलनाथजी का) बिम्ब प्रतिष्ठित करवाया।
(३५५). सं० १९५५ फाल्गुनक० ५ के दिन सियाणानिवासी संघने (श्रीमहावीरप्रभु का) बिम्ब करवाया । जिसकी प्रतिष्ठा आहोर में जसरूप जीतमलने सौधर्मबृहत्तपागच्छ के भ० श्रीविजयराजेन्द्रसरि के द्वारा करवाई।
"Aho Shrut Gyanam"