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(२७७) देवकुलिका नं० ६.
सं० १४८७ पौषशु०२ रविवार के दिन अंचलगच्छ के भीमेरुतुजसरि के पट्टधर गच्छनायक श्रीजयकीर्तिमूरि के उपदेश से पुंगलनिवासी प्राग्वाटज्ञाति के शा० भाणा पुत्र शा. जामद (झामट) की पत्नी सं०........
(२७८) देवकुलिका नं०७.
सं० १४८७ पौषशु० २ रविवार के दिन तपागच्छीय श्रीदेवसुन्दरसूरि के पट्टधर श्रीसोमसुन्दरसूरि श्रीमुनिसुन्दर. सरि श्रीजयचन्द्रसूरि श्रीभुवनमुन्दरमरि श्रीजिनचन्द्रसरि के उपदेश से पत्तन निवासी प्राग्वाटज्ञातीय शा. लाला के पुत्र शा नाच शा० मेघा पुत्र भीमा, खीमाने अपने कल्याणार्थ देवकुलिका करवाई।
लेखाङ्क ६,७,८, ९, १०, ११, १२, १३, १६, २० के अनुसार सं० १४८७ भाद्रपदकृ. ७ गुरुवार के रोज तपागच्छ के देवसुन्दरमरि के पट्टधर दुर्घरचारित्र धारक सोमसुन्दरसूरि मुनिसुन्दरसरि जयचन्द्रसरि मुवनसुन्दरसरि के उपदेश से फलवानगर के जिन निवासीयोंने देव. कुलिकायें-आठ, नौ, दश, ग्यारह, बारह, तेरह, चौदह,
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