Book Title: Jain Pratima Lekh Sangraha
Author(s): Yatindrasuri, Daulatsinh Lodha
Publisher: Yatindra Sahitya Sadan Dhamaniya Mewad

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Page 313
________________ ( ३०० ) पल्ली के मन्दिर के शिखर का जीर्णोद्धार सकल भट्टारकपुरन्दर भट्टारक श्री श्री श्री श्री १००८ श्रीरंगविमलसूरि के सदुपदेश से रु० ३०२११) व्यय करके शा० रूपा, शा० जोयता, शा० आनन्दा, शा० वीरम, शा० रामजी, शा० इंजादेवीने सिरोही नगर से द्रव्य संवय कर जीरापल्ली निवासी गजधर सोमपुर केसा दला के द्वारा करवाया । ( ३१८ ) लोटानातीर्थ में कायोत्सर्गस्थ प्रतिमा सं० ११३० ज्येष्ठशु० ५के दिन निर्वृति-कुल के श्रीनन्द (और) आसपालने श्रीशेखरसूरि द्वारा श्रेष्ठ श्रीपार्श्वजिन की दो प्रतिमा प्रतिष्ठित करवाई । ( ३१९ ) ऋषभदेव पादुका सं० १८६९ पौषशु० १३ गुरुवार के दिन श्रीऋषभदेवजी की पादुका को नमस्कार हो जो श्रीविजयलक्ष्मीसूरिके द्वारा लोटीपुर पत्तन में प्रतिष्ठित हुई । ( ३२० ) मंडप में स्थापित सपरिकर प्रतिमा सं० १९४४ ज्येष्ठकृ० ४ के दिन प्राग्वाटज्ञातीय व्य० "Aho Shrut Gyanam"

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