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सं० १६८९ व्यव० नानदेवने श्रीशान्तिनाथप्रभु का बिम्ब ( प्रतिष्ठित ) करवाया ।
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सं० १६२४ फाल्गुन शु० ४ मंगलवार के दिन श्रीसूरिने श्री सुमतिनाथजी का बिम्ब प्रतिष्ठित किया । सुनारों की सेरी के पार्श्वनाथचैत्य में धातुमूर्त्तियाँ( २५२ )
सं० १५०८ वैशाखक० ४ सोमवार के दिन श्रीश्रीमालज्ञातीय श्रे० नयनराजने मा० टहिकुबाई, पुत्र श्रे० लक्ष्मणदेव, हेमराज और दूदा कुटुम्बसहित पिता माता के श्रेयार्थ श्री शान्तिनाथजी का बिम्ब करवाया, जिसकी प्रतिष्ठा सिद्धान्तीय श्रीसोमचन्द्रसूरि के द्वारा हुई ।
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सं० १६१७ पौषकृ० १ गुरुवार के दिन राजाधिराज श्रीअश्वसेन राशि श्रीवामादेवी के पुत्र श्री श्री श्रीपार्श्वनाथप्रभु का विम्ब थिरापद्र निवासी श्रीश्रीमालज्ञातीय श्रे० कुरा धींगा के पुत्रोंने कर्मों के क्षय के लिये (प्रतिष्ठित) करवाया ।
"Aho Shrut Gyanam"