Book Title: Jain Pratima Lekh Sangraha
Author(s): Yatindrasuri, Daulatsinh Lodha
Publisher: Yatindra Sahitya Sadan Dhamaniya Mewad

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Page 275
________________ (२६२) (२३२) .. सं० १६११ वैशाखशु० १० बुधवार के दिन थिराद्र.. नगर निवासी श्रीश्रीमालज्ञातीय बृहच्छाखा में सेवक धुढ़मल हंसराजने स्वकर्मक्षयार्थ श्रीआदिनाथजी का बिम्ब करवाया। (२३३) ___ सं० १५६८ माघशु०५ शुक्रवार के दिन विडारुआ ग्राम निवासी ब्रह्माणगच्छानुयायी श्रीश्रीमालज्ञातीय श्रे० जसराज मा० सलखणाबाई के पुत्र वासराजने अपने तथा माता, पिता के श्रेयार्थ श्रीचन्द्रप्रभस्वामी का बिम्ब मुनिचन्द्रसूरि के द्वारा प्रतिष्ठित करवाया। ( २३४) सं० १५६९ ज्येष्ठशु० ५ सोमवार के दिन श्रे० सेवक कालराजने श्रीपार्श्वनाथजी का बिम्ब (प्रतिष्ठित) करवाया। (२३५) . सं० १५१८ फाल्गुनशु० ९ सोमवार के दिन उपकेशज्ञातीय शाह नवलमल भा० नामलबाई के पुत्र देवराज भा० भावदेवीने अपने श्रेयार्थ श्रीसंभवनाथपंचतीर्थी करवाई, जिसकी प्रतिष्ठा भाबडारगच्छीय भ० श्रीभावदेवमूरिने की। (२३६ ) सं० १५३२ ज्येष्ठकु. ३ रविवार के दिन पटेल शा. "Aho Shrut Gyanam"

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