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गेलराज आदि परिजनों के सहित श्री विमलनाथजी का बिम्ब अपने कल्याणार्थ करवाया, जिसकी प्रतिष्ठा तपागच्छीय श्रीरत्नशेखरसूरिने की ।
( २११ )
सं० १५१५ वैशाखशु० ३ शनिवार के दिन बीजापुर निवासी ओसवालज्ञातीय दोशी जसराज मा० जसमाबाई पुत्र दो० अमरचन्द्र भा० देवश्री के पुत्र दो० कुडमलने स्वभा० कामलदेवी, द्वि० भा० हींरूदेवी पुत्र दो० घनराज, दो० बनराज भा० सोही, घनराज पुत्र कान्हा दंगढ़ प्रमुख परिजनों के सहित श्रीधर्मनाथजी का बिम्ब श्रीसूरि के द्वारा प्रतिष्ठित करवाया ।
( २१२ )
सं० १५१५ वैशाखक्र० २ गुरुवार के दिन प्राग्वाठज्ञातीय श्रे० वागमलने भा० पोमी पुत्र वेलराज मा० लांबी, पुत्र वीरदेव सहित अपने श्रेयार्थ श्रीचन्द्रप्रमप्रभु का बिम्ब करवाया, जिसकी प्रतिष्ठा सिद्धान्तगच्छीय भ० श्री सोमचन्द्रसूरिने की ।
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सं० १५३८ वैशाख ० ५ बुधवार के दिन श्रीश्रीमालज्ञातीय श्रे० धीराने भा० मलीबाई पुत्र आशराज, मनुदेव, धनुदेव देवराज दूंगरजी, अदुराज सहित अपने श्रेयार्थ श्री
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