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( २४७ )
ज्ञातीय श्रे० पूनमचन्द्र पुत्र डाहाचन्द्र भा० लाखूबाई पुत्र मेहा, समधर मा० लालीबाईने माता पिता के तथा अपने हितार्थ ब्रह्माणगच्छीय श्रीविमलसूरि के द्वारा बावड़ी ग्राम में श्री सुमतिनाथजी का बिम्ब प्रतिष्ठित करवाया ।
( १७८ )
सं० १४०४ कार्त्तिककु० ९ सोमवार के दिन श्री श्रीमालज्ञातीय व्य० नरदेव भा० नीनादेवी तथा पितृव्य क्षेमराज, विजयराज के श्रेयार्थ तथा भ्राता नरसिंह आदि सर्व के हितार्थ ( नरदेव ) के पुत्र तिलकाने पूर्णिमापक्षीय श्रीसूरि के द्वारा श्रीपद्मप्रभपंचतीर्थी प्रतिष्ठित करवाई । ( १७९ )
सं० १३८७ वैशाखशु० २ रविवार के दिन ब्रह्माणगच्छानुयायी श्रीश्रीमालज्ञातीय व्य० वयराजने अपने श्रेयार्थ भे० कुरसिंह सहित श्रीपार्श्वनाथजी का विम्ब श्रीजगरि के द्वारा प्रतिष्ठित करवाया ।
( १८० )
सं० १९४८ श्रीनागरदेवने अपने श्रेयार्थ करवाया । ( १८१ )
सं० १४५२ वैशाखशु० ५ गुरुवार के दिन श्रे० राउ पुत्र महं० राणा के पुत्र लालचन्द्रने अपने माता, पिता,
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