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(१६७) सं० १५३७ ज्येष्ठशु०२ सोमवार के दिन प्रारवाटज्ञातीय लघुशास्त्रीय ० हस्दास भा० गोलीबाई पुत्र राणा भा० टवकूबाईने अपने श्रेयार्थ श्रीअजितनाथजी का बिम्ब तपागच्छीय श्रीलक्ष्मीसागरसूरि के द्वारा प्रतिष्ठित करवाया।
(१६८) सं० १५३३ मापशु० १३ सोमवार के दिन शनाकुयो ग्राम निवासी श्रीश्रीमालझातीय श्रे० ठाकुरसिंह भा० कर्मादेवी पुत्र मेहाजलने मा० माल्हणदेवी, पुत्र संधारणदेव, जगमाल सहित द्वि० भा. देवकुमारी या द्राक्षादेवी के श्रेयार्थ श्रीसुमतिनाथजी का विन्ध पूर्णिमापक्षीय मा. श्री. कमलप्रमसूरि के द्वारा प्रतिष्ठित करवाया।
सं० १४८४ में प्राग्याटलातीय व्य. सायर के पुत्र व्य० गदाराजने अपने भाता पनराज के श्रेयार्थ श्रीशान्तिनाथजी का विम्ब तपागच्छीय श्रीसोमसुन्दरसूरि के द्वारा प्रतिष्ठित करवाया।
(१७०) सं० १४३६ वैशाखक० ११ के दिन प्राग्वाटज्ञातीय व्य० जसवीर मा० बांसलदेवी के पुत्र मामाने अपने पिता.
"Aho Shrut Gyanam"