________________
(२२६)
(१०६) सं० १३०९ माघक०२ के दिन श्रीश्रीमालज्ञातीय श्रे. नरसिंह भा० नयनादेवी, क्षेमराज साहमल पुत्र कर्णदेवने श्रीशान्तिनाथजी का बिम्ब करवाया, जिसकी प्रतिष्ठा चैत्रगच्छीय श्रीहरिश्चन्द्रमरिने की।
(१०७) सं०१३९९ फाल्गुनशु०१३ सोमवार के दिन क्यड्डी ग्राम के संघने प्रतिष्ठा करवाई। ............
(१०८) सं० १७०८ मार्गशिरशु० २ रविवार के दिन शा० यक्षराजने तथा कडुआमतगच्छानुयायी माणजी लाधाजीने श्री पार्श्वनाथजी का बिम्ब प्रतिष्ठित किया।
(१०९) सं० १९८३ ज्येष्ठशु० ३ के दिन कडुआमतानुयायी थराद के ठाकुर रत्नपाल मा० उकुराणी रमादेवीने श्री सुमतिनाथजी का विम्ब करवाया, जिसकी प्रतिष्ठा शाहजी तेजपालने की।
(११०) सं० १६६२ फाल्गुनशु० २ बुधवार के दिन थराद.
"Aho Shrut Gyanam"